Thursday, September 25

अस्तित्व बचाना शहर के लिए जरूरी:शव वाहन का अस्तित्व बचाने आगे आए डॉ. गुप्ता, 50 हजार रुपए दिए

शहर के एकमात्र शव वाहन का अस्तित्व बचाने के लिए शुक्रवार को डॉ रमेश कुमार गुप्ता आगे आए। 50 हजार रुपए मदद स्वरूप दिए। 27 अगस्त को मदद की उम्मीद समाचार प्रकाशित किया था। इसके पश्चात मदद मिली। डॉक्टर गुप्ता ने बताया सुबह जब उन्होंने खबर देखी। उसी समय निर्णय लिया। जिस वाहन ने बिना भेदभाव अब तक सैकड़ों लोगों की सेवा की उसका अस्तित्व बचाना शहर के लिए जरूरी है।

उन्होंने तत्काल शव वाहन जनभागीदारी समिति के सदस्य और पूर्व नागरिक बैंक अध्यक्ष कैलाश सक्सेना से संपर्क साधा उनको 50 हजार रुपए का चेक दिया। डॉ. गुप्ता सामाजिक कार्यों में प्रारंभ से ही अग्रणी रहे हैं। उनका कहना है इस कार्य में सहयोग के लिए शहर के दानदाताओं को आगे आना चाहिए। इस वाहन का संचालन जनभागीदारी समिति द्वारा किया जाता है। वाहन निशुल्क सेवाएं देता है। ड्राइवर के वेतन से लेकर वाहन के सभी खर्च की व्यवस्था समिति द्वारा की जाती है।

कोरोना काल के दौरान इस वाहन द्वारा 2 महीने तक प्रतिदिन विदिशा से बासौदा कोरोना से मरने वालों के शव लाने की निशुल्क सेवाएं दी गई थी। कोरोना काल के चलते समिति को भी कहीं से दान राशि या फंड नहीं मिल पाया। फंड में 80 हैं। इसमें से वाहन चालक को मासिक वेतन भी भुगतान करना है। मरम्मत के लिए सवा लाख रुपए का इंतजाम करना है। इस मदद की पहल से उम्मीद जागी है। और भी मददगार देवदूत बनकर आएंगे वाहन का अस्तित्व बचाएंगे।