
देश में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटे में 40,627 नए मरीज मिले, 36,627 ठीक हुए और 424 ने जान गंवाई। इस तरह अब एक्टिव केस यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 4 लाख 8 हजार 343 हो गई है। इसमें लगातार छह दिन से बढ़ोतरी हो रही है। यह 26 जुलाई को घटकर 3 लाख 92 हजार 694 तक हो गए थे।
जुलाई से अगस्त के बीच देश में 12.37 लाख मामले दर्ज किए गए। इस दौरान 13.08 लाख मरीज ठीक हुए और 24,259 की मौत हुई। जुलाई में सबसे ज्यादा केस दूसरे हफ्ते में यानी 7-14 जुलाई के दौरान दर्ज हुए। इस हफ्ते 2.78 लाख लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
केरल में रविवार को भी सबसे ज्यादा मामले
राज्य में रविवार को भी 20,728 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ यहां एक्टिव केस 1,67,380 हो गए हैं। बीते दिन 56 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई और 17792 लाेगों ने इस बीमारी को मात दी।
देश में कोरोना महामारी आंकड़ों में
बीते 24 घंटे में कुल नए केस आए: 40,627
बीते 24 घंटे में कुल ठीक हुए: 36,627
बीते 24 घंटे में कुल मौतें: 424
अब तक कुल संक्रमित हो चुके: 3.16 करोड़
अब तक ठीक हुए: 3.08 करोड़
अब तक कुल मौतें: 4.24 लाख
अभी इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या: 4.08 लाख
8 राज्यों में लॉकडाउन जैसी पाबंदियां
देश के 8 राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन जैसी पाबंदियां हैं। इनमें पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु, मिजोरम, गोवा और पुडुचेरी शामिल हैं। यहां पिछले लॉकडाउन जैसे ही कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।
23 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आंशिक लॉकडाउन
देश के 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आंशिक लॉकडाउन है। यहां पाबंदियों के साथ छूट भी है। इनमें छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, नगालैंड, असम, मणिपुर, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश और गुजरात शामिल हैं।
R-वैल्यू बढ़ने से बढ़ी चिंता
दिल्ली एम्स के प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि देश में कोरोना संक्रमण की R-वैल्यू 1 हो गई है, जो चिंता का कारण हाो सकती है। इस वैक्लू का मतलब है कि एक कोविड संक्रमित व्यक्ति किसी एक व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। ऐसे में ट्रांसमिशन की चेन तोड़ने के लिए ‘टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’ रणनीति अपनानी होगी। उन हिस्सों में रोकथाम के लिए सख्त पॉलिसी की जरूरत है, जहां नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
डेटा साइंटिस्ट्स के मुताबिक, R फैक्टर यानी रीप्रोडक्शन रेट। यह बताता है कि एक इन्फेक्टेड व्यक्ति से कितने लोग इन्फेक्ट हो रहे हैं या हो सकते हैं। अगर R फैक्टर 1.0 से अधिक है तो इसका मतलब है कि केस बढ़ रहे हैं। वहीं, R फैक्टर का 1.0 से कम होना या कम होते चले जाना केस घटने का संकेत होता है।