Monday, September 22

विदिशा-स्वाभिमान की लड़ाई सड़कों पर आ गई

vd64519-02-2015-03-00-99Nविदिशा। अधिकारियों व कर्मचारियों के स्वाभिमान की लड़ाई बुधवार को सड़कों पर आ गई। सुबह कलेक्ट्रेट परिसर में सभी अधिकारी कर्मचारी एकत्रित हुए और जनप्रतिनिधियों के व्यवहार पर नाराजगी जताई। यहां हुई सभा में अधिकारियों ने कहा कि स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाली हर घटना का वे विरोध करेंगे और अब किसी तरह की बदजुबानी सहन नहीं की जाएगी।
प्रदेश स्तरीय आंदोलन के तहत हुई हड़ताल में एडीएम अंजू भदौरिया, जिला पंचायत सीईओ चंद्रमोहन मिश्रा समेत जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, विभिन्न विभाग प्रमुख, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी शामिल रहे। सभा में अधिकारियों ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की सोच हमारे प्रति सही नहीं रहती।
उनका बोलचाल, व्यवहार स्वाभिमान कोे ठेस पहंुचाता है। इस दौरान एक पार्टी कार्यकर्ता की एसडीएम राघौगढ़ के साथ हुई बातचीत की रिकार्डिग भी सुनाई गई। इस दौरान अधिकारियों-कर्मचारियों ने भय, दबाव, प्रलोभन से मुक्त रहकर कार्य करने, कर्तव्यों के निर्वहन में अवांछित कृत्य का प्रतिकार करने एवं किसी भी शासकीय सेवक के साथ अनुचित घटना पर उक्त कर्मचारियों को संबल एवं समर्थन प्रदान करने की शपथ ली। इस दौरान कर्मचारियों ने रैली निकाली।
सौंपा ज्ञापन
इस दौरान अधिकारी कर्मचारियों ने कलेक्टर एमबी ओझा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मप्र शासकीय सेवक संरक्षण अधिनियम शीघ्र लागू करने, शासकीय सेवकों के विरूद्ध दुर्व्यवहार के मामलों के त्वरित निराकरण के लिए फास्ट ट्रेक कोर्ट गठित करने एवं दुर्व्यवहार संबंधी गतिशील मामलोे की नियमित समीक्षा के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समितियां गठित करने की मांग की गई। तीन माह में मांगों पर कार्रवाई न होने पर व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी गई।
नहीं खुले ताले
हड़ताल के कारण सुबह से सरकारी कार्यालयों के ताले नहीं खुले। जिला मुख्यालय पर सिर्फ कलेक्टर एमबी ओझा ही दफ्तर में बैठे दिखे। इनके अलावा एडीएम, एसडीएम, संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, तहसील, खनिज विभाग, महिला एवं बाल विकास, उद्यान, कृषि विभाग आदि सभी कार्यालय बंद रहे। कर्मचारी नेता उदयसिंह हजारी ने बताया कि इस हड़ताल में आवश्यक सेवाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं बिजली विभाग को मुक्त रखा गया था। जिले के करीब 8 हजार 500 कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हुए। सभी ने तीखा विरोध दर्ज कराया।
जो हमसे टकराएगा, पांच साल को जाएगा
हड़ताल के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों ने रैली निकाली। जिसमें नारे लगाकर जनप्रतिनिधियों व प्रदेश सरकार को खुली चेतावनी दी गई। कर्मचारी नारे लगा रहे थे “जो हमसे टकराएगा पांच साल को जाएगा”। रैली आगे बढ़ने के साथ कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता गया। इसी के साथ नारे भी बदलते रहे। कर्मचारी नारे लगाने लगे कि “जो हमसे टकराएगा सदा के लिए जाएगा”।
हड़ताल से आम जनता की हुई फजीहत
कलेक्ट्रेट में विभिन्न कार्यो के लिए आए लोग इस हड़ताल के कारण परेशान हुए। सांची मार्ग निवासी झिरमल सिंह तहसील में पटवारी को तलाश रहे थे। उनका कहना है कि रजिस्ट्री में नामांतरण होना है। अब उन्हें वापस लौटना पड़ा। इसी तरह ग्राम सतपाड़ा सराय निवासी सौदानसिंह ने बताया कि जमीन संबंधी मामले उनकी पेशी थी।
यहां आने के बाद हड़ताल का पता चला। तहसील कार्यालय बंद रहने व अगली तारीख नहीं मिलने से वे परेशान रहे। एसडीएम कार्यालय में भी पेशी व जमानत संबंधी कार्य से आए लोगों को परेशान होकर वापस लौटना पड़ा। अन्य विभागों में आए लोग भी इसी तरह परेशान रहे। उन लोगों का कहना था कि पहले से पता होता तो यहां तक नहीं आते