
इस बार ‘दुबई एक्सपो 2020’ एक साल देर से शुरू हो रहा है। कोरोना की वजह से ये मेगा इवेंट एक अक्टूबर से 31 मार्च 2022 के बीच होगा। एक्सपो का इतिहास 170 साल पुराना है। पहली बार यह एक्सपो लंदन के आइकॉनिक क्रिस्टल पैलेस में हुआ था। जिसका नाम ‘दी ग्रेट एग्जीबिशन’ रखा गया था।
एक्सपो में 190 से ज्यादा देश शामिल होंगे
इवेंट में भारत सहित दुनिया के 190 से ज्यादा देश शामिल होंगे। आयोजकों को उम्मीद है कि इसे करीब 2.5 करोड़ लोग देखने आ सकते हैं। खास बात यह है कि एक्सपो में शामिल हर देश इवेंट देखने आए लोगों को अपने ट्रेड, कल्चर, इतिहास और टूरिज्म सहित अन्य खूबियों से परिचित कराएंगे।
हर देश का अलग पवेलियन
इवेंट में शामिल लगभग सभी देशों के अपने पवेलियन होंगे, जिन्हें अलग-अलग थीम पर तैयार किया गया है। ये पवेलियन देश की बढ़ती ताकत और क्षमता से लोगों को रूबरू कराएंगे।
‘न्यू इंडिया’ की झलक देगा भारत का पवेलियन
एक्सपो में भारत के पवेलियन में मिनी इंडिया की झलक दिखेगी। इसमें स्पेस, योग और नए/ आधुनिक इंडिया की क्षमता को दुनिया से परिचित कराया जाएगा।
PHD चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट संजय अग्रवाल के मुताबिक एक्सपो से भारतीय इकोनॉमी और ट्रेड के लिए माइलस्टोन साबित हो सकता है। क्योंकि इसमें निवेश और ग्रोथ के नए अवसर तलाश रहीं कंपनियों को फायदा मिल सकता है।
भारतीय पवेलियन को तैयार करने में 500 करोड़ रुपए खर्च
दुबई में भारत के मुख्य कोंसुलेट सिद्धार्थ कुमार बराइली ने बताया कि भारतीय पवेलियन को तैयार करने में करीब 500 करोड़ रुपए खर्च हुए। इसके फर्श, लुक, पेंटिंग, फ्रंट फेस और स्ट्रक्चर सहित अन्य के काम लगभग पूरे हो चुके हैं। पवेलियन के दो हिस्से पार्ट-A और पार्ट- B हैं, जिसे जुलाई 2021 तक भारत को सौंप दिया जाएगा।
पवेलियन के बारे में डिटेल जानकारी के लिए वीडियो साझा किया। दुबई में भारतीय कोंसुलेट ने इसी साल मार्च में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया। इसमें एक्सपो 2020 पर भारतीय पवेलियन के थीम, डिजाइन और इवेंट को बताया गया…
UAE के साथ ट्रेड का आंकड़ा 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना लक्ष्य
सिद्धार्थ कुमार ने बताया कि हम UAE के साथ आने वाले दिनों में द्विपक्षीय व्यापार में 100 अरब अमेरिकी डॉलर का आंकड़ा छूने की सोच रहे हैं। यह एक्सपो भारतीय बिजनेस और कंपनियों के लिए खुद को बढ़ावा देने का एक ग्लोबल प्लेटफॉर्म देगा। जिसमें भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में परिचित किया जाएगा जिसमें इसे शून्य के आविष्कारक और आधुनिक काल में IT और ITES में एक ग्लोबल लीडर के रूप में जाना जाता है।
ट्रेड को दोगुना बढ़ाना संभव
संजय अग्रवाल ने कहा कि भारत के साथ UAE की बायलिट्रल ट्रेड फरवरी 2021 तक 43 अरब डॉलर का रहा। ऐसे में 100 अरब डॉलर का आंकड़ा पाना मुश्किल नहीं होगा। क्योंकि दुबई वर्तमान में ग्लोबल ट्रेड मार्केट के लिए हब के रूप में है। साथ ही भारत और UAE के बीच अच्छे संबंधों का भी फायदा होगा।
भारत के कुल एक्सपोर्ट में 45% सॉफ्टवेयर (IT & ITES) एक्सपोर्ट का होता है। यही नहीं भारत को हेल्थ सर्विसेस के लिए जाना जाता है, जिसमें योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी जैसी चिकित्सा प्रणाली और नवीनतम तकनीक के साथ सस्ती उन्नत एलोपैथिक चिकित्सा सेवाओं के अग्रणी देश के रूप में भी प्रदर्शित किया जाएगा।
कोरोना के कारण आगे टाला गया था एक्सपो
बता दें कि पहले यह कार्यक्रम 2020 में ही होना था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे एक साल के लिए टाल दिया गया। दुबई में होने वाले इस इवेंट की मेन थीम ‘कनेक्टिंग माइंड, क्रिएटिंग फ्युचर’ है। यह ग्लोबल इवेंट कितना बड़ा और क्या है खास तैयारी इसके लिए दुबई एक्सपो 2020 के आधिकारिक वेबसाइट https://www.expo2020dubai.com/ पर विजिट कीजिए। साथ ही वीडियो को भी देखकर जान सकते हैं…
दुबई एक्सपो का आयोजन 438 हेक्टयर में होगा
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दुबई शहर के दुबई एग्जीबिशन सेंटर में इस एक्सपो का आयोजन होगा। जिसका एरिया करीब 438 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इससे पहले 2015 में एक्सपो का मेजबान इटली था और मिलान शहर में इसका आयोजन हुआ था। 2025 में इसकी मेजबानी जापान करेगा।