Tuesday, September 23

कोरोना:मार्च में 7, अप्रैल में 263 की मौत, जगह कम पड़ी तो भोर श्मशान घाट बनाया, लकड़ी-कंडे गांव-गांव में जाकर इकट्‌ठे किए

  • मार्च के मुकाबले अप्रैल में 38 गुना ज्यादा बढ़ा मौत का ग्राफ- सामान्य मौत भी इन दो माह में 300 पर

मार्च के मुकाबले अप्रैल में कोरोना से मौतों का ग्राफ विदिशा में 38 गुना ज्यादा बढ़ा है। मार्च में जहां मरने वाले 7 लोगों का अंतिम संस्कार मुक्तिधाम में हुआ था। वहीं अप्रैल में कुल 263 लोगों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया है । इसमें बेतवा के मुक्तिधाम में 210 और भोर घाट मुक्तिधाम में 53 अंतिम संस्कार शामिल हैं ।

वहीं सामान्य मौतों के मामले में भी मार्च के तुलना में अप्रैल में 4 गुना ज्यादा मृतकों के अंतिम संस्कार मुक्तिधाम में किए गए हैं। मार्च में जहां 65 सामान्य मृतकों का अंतिम संस्कार हुआ था । वहीं अप्रैल में सामान्य मौतों से मरने वाले 235 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया।

अप्रैल में कब्रिस्तान में 20 लोगों के अंतिम संस्कार भी अलग से किए गए। अंतिम संस्कार की बढ़ती रफ्तार के कारण मुक्तिधाम में लकड़ी और कंडों का टोटा पड़ गया है । रोजाना आधा दर्जन लोगों की टीम गांव- गांव जाकर लकड़ी और कंडे इकट्ठा कर रही है।

मार्च में 7 तो अप्रैल में 263 मृतकों के अंतिम संस्कार
बेतवा मुक्तिधाम सेवा समिति के सचिव मनोज पांडे से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मार्च में विदिशा के बेतवा मुक्तिधाम में कुल 72 मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया था । इसमें नॉन कोविड मृतक यानी सामान्य मौतों वाले 65 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया था।

इसके अलावा कोविड प्रोटोकॉल के तहत 7 मृतकों का अंतिम संस्कार बेतवा के मुक्तिधाम में किया गया था। वहीं इसकी तुलना में अप्रैल में कोरोना से मरने वाले 263 मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया है। कोरोना से मरने वालों की यह संख्या मार्च के मुकाबले अप्रैल में 38 गुना तक ज्यादा है।

बेतवा मुक्तिधाम विदिशा शहर
1 मार्च से 31 मार्च

कुल मृतक जिनका अंतिम संस्कार हुआ-72
नॉन-कोविड मृतक जिनका अंतिम संस्कार हुआ-65
मृतक जिनका कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार-7
श्मशान में मार्च माह में कितनी लकड़ी लगी-163 क्विंटल लकड़ी और 14400 कंडे अब तक लग चुके।
1 अप्रैल से 30 अप्रैल
कुल मृतक जिनका अंतिम संस्कार हुआ-445
नॉन-कोविड मृतक जिनका अंतिम संस्कार हुआ-235
मृतक जिनका कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार-210
श्मशान में मार्च माह में कितनी लकड़ी लगी-1008 क्विंटल लकड़ी और 80600 कंडे अब तक लग चुके।

भोर घाट मुक्ति धाम विदिशा
मार्च महीने में मौतें-0
भोर घाट मुक्ति धाम विदिशा में
नॉन कोविड-0
प्रोटोकाल की मौतें-अप्रैल महीने में-53
भोर घाट मुक्ति धाम विदिशा में कितनी लकड़ी लगी-132 क्विंटल और 7950 कंडे अब तक लगे हैं।

तलैया कब्रिस्तान विदिशा
तलैया कब्रिस्तान विदिशा-अप्रैल महीने में कोविड की-20 मौतें
नोट: मृतकों की संख्या बेतवा मुक्तिधाम सेवा समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार।

बेतवा मुक्तिधाम में 210 और भोर घाट में किया 53 लोगों का अंतिम संस्कार
कोरोना संक्रमण और सामान्य बीमारियों से बढ़ी मौतों की संख्या ने अप्रैल में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। बेतवा के मुक्तिधाम में अप्रैल में जहां कोविड प्रोटोकॉल के तहत 210 मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया वहीं पहली बार विदिशा में दूसरा नया श्मशान घाट रंगई हनुमान मंदिर के सामने से सुआ खेड़ी रोड पर बनाया गया। इसे भोर घाट के नाम से जाना जाता है। 23 अप्रैल से यहां पर अंतिम संस्कार की शुरुआत हुई । अप्रैल के आखिरी 8 दिनों में ही 53 संक्रमितों की चिता जली।

सामान्य मृतकों की संख्या 4 गुना तक बढ़ी
मार्च में सामान्य बीमारियों से मरने वालों की संख्या 65 थी वहीं अप्रैल में सामान्य मृतकों की संख्या 4 गुना तक ज्यादा बढ़कर 235 तक पहुंच गई। इसके पहले पिछले 1 साल में सामान्य मृतकों की संख्या का ये ग्राफ चार गुना तक ज्यादा कभी नहीं बढ़ा था।

सामान्य मृतकों की संख्या 4 गुना तक बढ़ी
मार्च में सामान्य बीमारियों से मरने वालों की संख्या 65 थी वहीं अप्रैल में सामान्य मृतकों की संख्या 4 गुना तक ज्यादा बढ़कर 235 तक पहुंच गई। इसके पहले पिछले 1 साल में सामान्य मृतकों की संख्या का ये ग्राफ चार गुना तक ज्यादा कभी नहीं बढ़ा था।

सामान्य मृतकों की संख्या 4 गुना तक बढ़ी
मार्च में सामान्य बीमारियों से मरने वालों की संख्या 65 थी वहीं अप्रैल में सामान्य मृतकों की संख्या 4 गुना तक ज्यादा बढ़कर 235 तक पहुंच गई। इसके पहले पिछले 1 साल में सामान्य मृतकों की संख्या का ये ग्राफ चार गुना तक ज्यादा कभी नहीं बढ़ा था।

अप्रैल में कब्रिस्तान में भी 20 संक्रमितों का अंतिम संस्कार
विदिशा के कब्रिस्तान में मार्च में कोविड संक्रमण से मरने वाले का अंतिम संस्कार एक भी नहीं हुआ, लेकिन अप्रैल में इसके सारे रिकॉर्ड टूटे, यहां अप्रैल में कोविड प्रोटोकॉल के तहत 20 मृतकों का अंतिम संस्कार कराया गया।

मार्च में 163 तो अप्रैल में 1008 क्विंटल लकड़ी जली
बेतवा के मुक्तिधाम में मार्च महीने में हुए अंतिम संस्कारों में 163 क्विंटल लकड़ी और 14400 कंडे जले। अप्रैल महीने में इसी श्मशान घाट में शवों को जलाने के लिए 1008 क्विंटल लकड़ी और 80600 कंडों का प्रयोग करना पड़ा।