Tuesday, September 23

ऑक्सीजन प्लांट:सिर्फ 8 जिलों में ही शुरू हुए, 37 में बन रहे हैं स्ट्रक्चर; उत्पादन में अभी 1 महीना और लग सकता है

कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए जिला अस्पतालों में लगाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट में ऑक्सीजन उत्पादन में अभी 1 महीने का समय और लग सकता है। प्रदेश के 45 जिलों में जहां ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं, उनमें से दो महीने पहले स्वीकृत हुए 8 प्लांट में ही ऑक्सीजन की उत्पादन शुरू हो पाया है। इन प्लांट से 550 से 600 लीटर प्रति मिनिट के हिसाब से ऑक्सीजन मिल रही है, जिसकी उपलब्धता 50 बेड के हिसाब से ही है। जबलपुर में लगाए प्लांट से 13 वेंटीलेटर बेड के लिए ऑक्सीजन मिल पा रही है। बाकी 37 जिलों में अभी स्ट्रक्चर बनाए जा रहे हैं।

इधर, बीना-ओमान रिफाइनरी से 30 टन ऑक्सीजन का इस महीने के अंतिम सप्ताह में शुरू होने वाले कोविड अस्पताल के 200 ऑक्सीजन बेड में उपयोग हो पाएगा। इधर, होशंगाबाद में प्लांट लगाए जाने के लिए अभी जगह तय नहीं हो पाई है। हरदा में 18 वाई 36 फीट का कांक्रीट स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो गया है। झाबुआ, अलीराजपुर, नीमच और रतलाम में भी यही स्थिति है। बालाघाट, धार, दमोह, बड़वानी, सतना और शहडोल में इसी तकनीक के प्लांट लगाए जाना है। प्रदेश में केंद्र के सहयोग से पीएसए आधारित ऑक्सीजन प्लांट उज्जैन, शिवपुरी, सिवनी, खंडवा, मंदसौर, जबलपुर और मुरैना में लगाए जा चुके हैं।

भोपाल, इदौर समेत 5 जिलों के लिए वर्कऑर्डर हो गए हैं जारी

भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, शहडोल और रीवा जिला चिकित्सालय में 1.60 करोड़ रुपए की लागत से प्लांट लगाए जाने के वर्क ऑर्डर हो चुके हैं। इन प्लांट से 50 बेड के लिए ऑक्सीजन मिल पाएगी।