ग्वालियर। संगीत सम्राट तानसेन को उनकी ही नगरी में राज्य सरकार सम्मान नहीं दे सकी। इस बार तानसेन संगीत समारोह में न तो कोई मंत्री आया, न ही किसी संगीतज्ञ को सम्मानित किया गया। उधर भाजपा नेता प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के स्वागत में व्यस्त रहे। शाम को महापौर समीक्षा गुप्ता और भांडेर विधायक घनश्याम पिरौनिया ने उपस्थिति दर्ज कराई। इसको लेकर शहर में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। गौरतलब है कि आमतौर पर तीन दिवसीय तानसेन संगीत समारोह के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री या संस्कृति मंत्री शामिल होते रहे हैं। साथ ही समारोह के दौरान देश के किसी संगीतज्ञ को सम्मानित करने की परंपरा रही है। इस वर्ष इस समारोह का आगाज बिना विशिष्ट अतिथि के ही हुआ। जहां तक किसी संगीतज्ञ को सम्मानित करने की बात है तो आयोजकों द्वारा कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता की वजह से समिति की बैठक न हो पाने के कारण ऐसा हुआ, जबकि चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के साथ ही प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन भी हो चुका था। चर्चा है कि फिर भी मुख्यमंत्री या संस्कृति मंत्री ने इस समारोह से दूरी बनाकर संगीत सम्राट तानसेन की उपेक्षा की। तानसेन समारोह की शुरूआत शुक्रवार को हुई, इसी दिन शाम को प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर आए। भाजपा कार्याकर्ताओं से लेकर वरिष्ठ नेता तक दिनभर उनके स्वागत की तैयारियों और शाम को स्वागत में व्यस्त रहे। शाम को कलावीथिका में आयोजित सभा में महापौर समीक्षा गुप्ता व विधायक घनश्याम पिरौनिया ने उपस्थित होकर इस कमी को दूर करने का प्रयास किया। तानसेन सम्मान घोषित न होने से व्यथित संगीत रसिकों को सरकार की यह उपेक्षा नागवार गुजर रही है।