गंजबासौदा। शिक्षण सत्र बीतने में हैं, लेकिन अभी तक शिक्षण संस्थाओं में खोपा-पाया बॉक्स नहीं लगा है। जबकि शिक्षण सत्र प्रारंभ होते ही राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों को खोया-पाया बॉक्स लगाने के निर्देश दिए थे। राज्य शिक्षा केंद्र का उद्देश्य था कि विद्यार्थियों में नौतिक शिक्षा के अंतर्गत ईमानदारी की अभिव्यक्ति जागृत करना था। लेकिन तहसील के अधिकांश स्कूलों में इसका पालन ही नहीं किया गया। बेतवांचल ने जब पड़ताल की तो पता चला कि स्कूलों के प्रभारियों को खोया-पाया बॉक्स के संबंध में पता ही नहीं है। जबकि विद्यार्थियों ने इसका नाम तक नहीं सुना है।
या है खोया-पाया:-प्राथमिक माध्यमिक स्कूल परिसर में एक पेटी के रूप खोया-पाया बॉक्स रखा जाता है। यदि बॉक्स में कोई सामग्री मिलती है तो उसे बच्चों को दिखाया जाता है। इस दौरान यदि कोई विद्यार्थी उसकी सामग्री होना बताता है तो उससे उस सामग्री की एक पहचान पूछी जाती है। इसके बाद वह सामग्री उक्त छात्र को दे दी जाती है। जबकि खोया-पाया बॉक्स में जिस खोई हुई सामग्री को जिस विद्यार्थी द्वारा रखा गया था उसे पुरस्कृत किया जाता है।