
- त्रिवेणी संगम में 50 हजार श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
- साेमवती अमावस्या पर ध्रुव कुंड, नागेश्वर महादेव कुंड और हथवारी में भी उमड़ी आस्था की भीड़
जिले में राेजाना काेराेना संक्रमित मरीजाें की संख्या दहाई में पहुंचने के बावजूद 60 घंटे का लाॅकडाउन साेमवार सुबह खत्म हाेते ही काेराेना गाइडलाइन के तहत जारी शासन-प्रशासन के आदेश भीड़ में खाे गए। इस साल की पहली और आखिरी साेमवती अमावस्या पर माेक्ष की कामना से धार्मिक आस्था के ज्वार में हजाराें की तादाद में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। जिला मुख्यालय से 39 किमी दूर मप्र और राजस्थान की सीमा पर त्रिवेणी संगम और भगवान परशुराम की तपाेभूमि के लिए विख्यात रामेश्वर धाम में 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।
इस दाैरान उस पार परशुराम घाट पर स्नान और भगवान चतुर्भुज नाथ के दर्शन की चाहत में श्रद्धालुओं के लिए नाव कम पड़ गई। भारीभीड़ जुटने के कारण पहली बार रामेश्वर घाट की जगह परश़ुराम घाट के सामने से नाव पड़ी। नाव में सवार हाेने के लिए लाेगाें ने भगदड़ मचा दी। इस दाैरान भीड़ के धक्के से एक 80 साल की महिला नदी किनारे पानी में गिर गई। उसके पास खड़ी महिलाओं और एक युवक का एन वक्त पर सहारा मिलने से यह वृद्ध महिला पानी में बेसुध गिरने की बजाय घुटने के बल बैठ गई।
इसके बाद भी भीड़ की स्थिति बार बार बेकाबू हाेती रही ताे पुलिस ने 100-50 के समूहाें में यात्रियाें काे किनारे पर बैठाकर नाव चलवाई। इस समूह में बैठे लाेगाें का 4 घंटे बाद नाव में सवार हाेने का नंबर आ रहा था। पुलिस की माैजूदगी में ठेेकेदाराें ने कलेक्टर-एसपी की हिदायत के बावजूद नाव में क्षमता से कहीं ज्यादा सवारी बैठाने में गुरेज नहीं किया। नाव में लाइफ जैकेट का भी इंतजाम नहीं था। साेमवार काे व्यवस्था गड़बड़ाने के बावजूद तीर्थ स्थलाें पर कार्यपालिक मजिस्ट्रेट ड्यूटी पर माैजूद नहीं दिखे। आदेश की अनदेखी पर अपर जिला दंडाधिकारी का कहना है कि लाेगाें काे खुद समझदारी दिखानी थी और पुलिस काे भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
अफसर बने मूकदर्शक... रामेश्वर के लिए पहली बार परशुराम घाट से चलाई नाव में क्षमता से दाेगुने यात्री चढ़े, भगदड़ में नदी में गिरी 80 साल की बुुजुर्ग महिला को बचाया
लापरवाही... श्योपुर के रामेश्वर घाट पर सोमवार को नाव कम और भीड़ ज्यादा हाेने से व्यवस्थाएं ध्वस्त हाे गई। प्रदेश की सीमा में घाट पर चार पुलिसकर्मी तैनात रहे फिर भी दाे नाव और एक कश्ती ठसाठस भरीं रहीं। जल्दबाजी… नाव किनारे पर लगने से पहले ही उसमें चढ़ने की जद्दाेजहद में लाेगाें में भगदड़ मचाई। एक नाव किनारे के नजदीक आते ही लाेगाें की भीड़ नदी में कूद पड़ी। इससे अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। लोग पानी में गिरे।
अमानवीयता... नाव में चढ़ने के लिए भीड़ में धक्का लगने से बहरावदा निवासी 80 साल की महिला दांखाबाई नदी किनारे पानी मेें गिर पड़ी। आसपास के लोगों ने उन्हें बचा ताे लिया लेकिन नाव उन्हें छोड़कर चली गई।
परशुराम घाट पर नाव, हिदायत के बाद भी नाव मेें बैठाई दाेगुनी सवारी
रामेश्वर में साेमवती स्नान के दाैरान जिला प्रशासन की हिदायत के बावजूद साेमवार काे नाव ठेकेदारों ने लोगों की जिंदगी दांव पर लगाने से गुरेज नहीं किया। रामेश्वर धाम में पहली बार परशुराम घाट के सामने से नाव का संचालन किया गया। लाेगाें काे नदी पार कराने के लिए कम फेरे में ज्यादा कमाई के लालच में ठेकेदाराे ने नाव में क्षमता से दाेगुना ज्यादा सवारी बैठाई। अधिकतम 32 सवारी की क्षमता वाली नाव में 55 से 60 सवारियां बैठाकर नदी पार कराई गई। जबकि नाव में अधिकतम 10 सवारी बैठने की क्षमता के मुकाबले 20 से अधिक सवारी भरी गईं।
काेराेना गाइडलाइन का पालन कराने के लिए नियुक्त अधिकारी डयूटी से नदारद
काेराेना गाइडलाइन का पालन कराने के लिए एडीएम रूपेश उपाध्याय ने 9 अप्रैल काे जारी आदेश के तहत चार कार्यपालिक मजिस्ट्रेट नियुक्त कर उनकी क्षेत्रवार ड्यूटी लगाई थी। आदेश के मुताबिक श्याेपुर तहसीलदार राघवेंद्र कुशवाह काे नागदा शिव मंदिर, बड़ाैदा तहसीलदार भरत नायक काे उतनवाड़ ध्रुव कुंड, नायब तहसीलदार रजनी बघेल काे रामेश्वर धाम और राजस्व निरीक्षक दिव्यराज धाकड़ काे हथवारी में स्थिति पर नजर रखकर भीड़भाड़ राेकने की जिम्मेदारी निभानी थी। लेकिन यह कार्यपालिक मजिस्ट्रेट साेमवार काे अपने अपने क्षेत्र में नहीं पहुंचे।
पुलिस काे भी अपनी जिम्मेदारी निभानी थी
साेमवती अमावस्या पर स्नान व दान पुण्य के लिए हजाराें की तादाद में लाेगाें की भीड़ जुटती है। काेराेना संक्रमण काे देखते हुए साेमवती अमावस्या के लिए जिले में चार कार्यपालिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए थे। वैसे पुलिस काे भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी। आमजन काे खुद भी समझदारी बरतनी चाहिए।
रूपेश उपाध्याय, एडीएम एवं अपर जिला दंडाधिकारी श्याेपुर