Monday, September 22

कृषि कानूनों का विरोध:पटरियों पर बैठे किसान, समझाने के बाद भी नहीं माने तो पुलिस ने बलपूर्वक खदेड़ा; घंटों खड़ी रहीं ट्रेनें

किसानों और पुलिस के बीच हुई धक्कामुक्की, जबरन पकड़े आंदोलन करने वाले नेता

रेल रोकने गुरुवार को किसानों ने ठाकुर बाबा मंदिर के पास रेलवे फाटक पर पटरियों पर बैठकर धरना दिया। पुलिस ने पहले तो किसानों को पटरियों से हटने के लिए समझाया। जब किसान नहीं माने तो उन्हें बलपूर्वक हटा दिया। किसानों को पांच सौ मीटर दूर तक खदेड़ दिया, साथ ही कुछ को घसीटते हुए पटरियों से हटाया गया। किसान नेताओं और किसानों को गिरफ्तार करने के दौरान धक्कामुक्की भी हुई। इस दाैरान तीन घंटे तक ट्रेन नहीं निकलीं। दोपहर दो बजे से रेलवे ट्रैक साफ होने के बाद ट्रेनों का आवागमन शुरू हो सका।

रेल रोको आंदोलन के लिए सुबह 11 बजे किसान ठाकुर बाबा रेलवे क्राॅसिंग के पास एकत्रित हाे गए। किसानों ने फाटक के पास धरना दिया लेकिन कुछ देर बाद पटरियों की ओर जाने लगे। माैके पर पहले से तैनात पुलिस ने किसानाें काे पटरियाें पर जाने से रोका लेकिन किसान पुलिसकर्मियों को धकियाते हुए पटरियों पर पहुंच गए। कुछ किसान पटरियों पर लेट गए। मौके पर मौजूद एडीएम टीएन सिंह, एडिशनल एसपी जयराज कुबेर, भितरवार एसडीओपी अभिनव बारंगे दोपहर 1.15 बजे तक किसानों को समझाते रहे, लेकिन किसान नहीं हटे।

इसके बाद पुलिस और आरपीएफ ने हटने के लिए अंतिम चेतावनी दी लेकिन किसान कहते रहे कि वे शाम चार बजे से पहले नहीं हटेंगे। इसके बाद पुलिस ने किसानों को बलपूर्वक हटाना शुरू किया तो किसान पटरियों पर ही लेट गए, लेकिन पुलिस उन्हें घसीटते हुए रेलवे के ट्रैक से हटाती रही। इस दौरान धक्कामुक्की भी हुई। कुछ किसान पटरियों पर भागने लगे तो पुलिस ने पांच सौ मीटर दूर तक उन्हें खदेड़ दिया।

दोपहर दो बजे कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और एसपी अमित सांघी भी मौके पर आ गए और पटरियों पर खड़े किसानों को हटने के लिए कहा। इसके बाद किसान तैयार हो गए और मांग करते हुए कहा कि जिन किसानों को पकड़ा है, उन्हें छोड़ दो। बाद में रेलवे ट्रैक साफ कराया और दोपहर दो बजे के बाद ट्रेनों का आवागमन शुरू हो गया। वहीं 44 किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है जिसके चलते शाम को किसानों ने एसडीएम बंगले का भी घेराव किया।

सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक नहीं निकली ट्रेनें
किसानों के रेल रोको आंदोलन के तहत रेलवे ने सुबह 11 बजे से ही ट्रेनों को बीच के स्टेशनों पर रोक दिया था। दोपहर दो बजे ट्रैक साफ होने के बाद ट्रेनों का आवागमन शुरू हुआ। सबसे पहले स्वर्णजयंती एक्सप्रेस निकली। उसके बाद झांसी की ओर से कोरबा बिलासपुर अमृतसर एक्सप्रेस और इसके बाद ग्वालियर की ओर से बरैनी एक्सप्रेस निकाली गई। इस दौरान पुलिस का फोर्स सुरक्षा के लिए तैनात रहा।

जबरन गिरफ्तार किया तो भड़के किसान, ट्रैक पर लेटे
पटरियों पर धरना दे रहे किसानों को जब पुलिस ने घसीटते हुए हटाना और गिरफ्तार करना शुरू किया तो वे भड़क उठे। सबसे पहले किसान नेता गुलाब सिंह रावत, राज रावत, कृष्णा रावत व कुछ अन्य किसानों को गिरफ्तार कर वैन में बैठा दिया गया। इसके बाद किसानों और पुलिस के बीच जमकर बहस और धक्कामुक्की हुई। इस दौरान कई किसानों के कपड़े फट गए तो कुछ को घसीटने की वजह से चोटें भी आई हैं।

दतिया में डेढ़ घंटे तक खड़ी रही संपर्क क्रांति एक्सप्रेस
दतिया : 6 थानों की पुलिस तैनात

स्टेशन पर 6 थानों की पुलिस तैनात रहीं। हालांकि कोई भी किसान रेल रोकने नहीं पहुंचा। डबरा में हुए प्रदर्शन के कारण संपर्क क्रांति एक्सप्रेस जरूर डेढ़ घंटा से अधिक दतिया में खड़ी रही।

श्योपुर: कोटा पहुंचकर प्रदर्शन
आंदोलन के लिए श्योपुर के किसान गुरुवार को राजस्थान के कोटा पहुंच गए और वहां प्रदर्शन किया। दरअसल श्योपुर में अभी एक भी ट्रेन संचालित नहीं है। नैरोगेज ट्रेन 11 महीने पहले ही बंद हो चुकी है।

गाडरवारा : सभा और नारेबाजी
नरसिंहपुर के गाडरवारा में चीचली फाटक पर रेल पटरी पर बैठे। इसके पहले सभा हुई। बाद में नारेबाजी करते दोपहर 2.30 बजे रेल पटरियों पर पहुंचे और पटरियों पर बैठकर शांतिपूर्ण विरोध जताया।

भिंड : ट्रेन नहीं, फिर भी प्रदर्शन
भिंड में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने गुरुवार को सुबह 10 बजे रेलवे स्टेशन पर पटरियों पर लेटकर प्रदर्शन किया। हालांकि भिंड में अभी कोई भी पैसेंजर ट्रेन संचालित नहीं है।