भोपाल में स्वाइन फ्लू हुआ बेकाबू, सैकड़ों मरीज भर्ती
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भोपाल. राजधानी सहित पूरे प्रदेश में स्वाइन फ्लू का संक्रमण लगातार बढ़ता बढ़ रहा है। शहर के अस्पतालों में हर रोज स्वाइन फ्लू के 100 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। हालात को देखते हुए सरकार ने प्रदेश में हाईअलर्ट जारी कर दिया है। अस्पतालों में डॉक्टरों, मरीजों और परिजनों पर खौफ साफ दिखाई दे रहा है। संक्रमण से बचने के लिए लोग ऐहतियातन मॉस्क लगा रहे हैं। इस बीच बच्चों को इसके संक्रमण से बचाने के लिए स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि सर्दी और खांसी के शिकार बच्चों को छुट्टी दे दी जाएशुक्रवार को स्वाइन फ्लू की जांच के लिए बने आरएमआरसीटी जबलपुर से 12 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इन मरीजों में 6 भोपाल और 6 इंदौर के हैं। नेशनल डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम के अफसरों ने बताया कि गुरूवार को भोपाल और इंदौर से 20 मरीजों के नमूने जांच के लिए जबलपुर भेजे गए थे। इनके अलावा राजधानी के हमीदिया और जेपी अस्पताल में शुक्रवार को स्वाइन फ्लू के 25 नए संदिग्ध मरीज इलाज के लिए पहुंचे। जेपी अस्पताल में शुक्रवार को बीमारी के लक्षणों वाले 24 मरीजों की जांच की गई। इनमें से 13 के सुआब के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।
वहीं हमीदिया में 70 मरीजों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें से 4 के सुआब का नमूना लिया गया है। इसके अलावा 8 संदिग्ध मरीज निजी अस्पतालों में मिले हैं। इससे भोपाल में स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़कर 163 हो गई है। इसके अलावा स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर और बगुलामुखी इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में स्वाइन फ्लू की एक कैटेगरी के चार नए मरीज मिले हैं। चारों ही मरीज पिछले महीने चेन्नई में हुए नासा के कार्यक्रम में शामिल होकर भोपाल लौटे हैं।
वायरस की ताकत बढ़ी
हमीदिया अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. निशांत श्रीवास्तव ने बताया कि स्वाइन फ्लू के वायरस एच 1 एन 1 की प्रकृति में बदलाव हुआ है। स्वाइन फ्लू के वायरस की ताकत बढ़ गई है। इसकी वजह स्वाइन फ्लू के वायरस का दवाओं के प्रति अनुकूल होना है।
वैक्सीन का असर घटा
गांधी मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. लोकेंद्र दवे ने बताया कि स्वाइन फ्लू के वायरस एच 1 एन 1 की नई वैक्सीन बनाने पर रिसर्च शुरू हो गई है। तीन साल पहले इस बीमारी के संक्रमण से बचाने जो वैक्सीन बनाई थी, उसका प्रभाव अब 60 फीसदी से घटकर 30 फीसदी रह गया है।
स्वाइन फ्लू की बी कैटेगरी के मरीजों के नमूने भी होंगे
प्रदेश में तेजी से फैल रहे स्वाइन फ्लू के संक्रमण को काबू करने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वाइन फ्लू की बी कैटेगरी के मरीजों के सुआब का नमूना लेकर जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल कम्युनिकेबल डिसीज सेंटर के अफसरों ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर स्वाइन फ्लू के संक्रमण की रिपोर्ट ली।
स्वाइन फ्लू के संक्रमण को नियंत्रित करने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। सभी जिलों के सीएमएचओ और सिविल सर्जन को बी केटेगरी और ए केटगरी में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर उनके नमूने लेने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को प्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के 37 नए संदिग्ध मरीज मिले हैं, इनमें 25 भोपाल के हैं। – डॉ. केएल साहू, स्वास्थ्य संचालक, नेशनल डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम, मध्यप्रदेश betwaanchal.com