Saturday, October 18

UP में लव जिहाद के खिलाफ कानून का असर:हिंदूवादी नेता लड़की के परिवार से शिकायत कराते हैं, फिर पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बनाते हैं

हमारा अपना ग्राउंड नेटवर्क है जो हमें ऐसे मामलों के बारे में बताता है जिनमें लड़कियां लव जिहाद का शिकार हुई हैं। ज्यादातर परिवार कहते हैं कि वो हमारे लिए मर चुकी है, हमारा उससे कोई मतलब नहीं है। फिर हम उन्हें लव जिहाद के बारे में समझाते हैं और बताते हैं कि लड़की को वापस लाना कितना जरूरी है। शिकायत दर्ज करवाते हैं और थाने पर जल्द कार्रवाई करने का दबाव भी बनाते हैं। पुलिस के साथ हमारा अपना नेटवर्क भी लड़की की तलाश में लग जाता है।’

आगरा के रहने वाले हिंदूवादी कार्यकर्ता अज्जू चौहान जब हमें यह बता रहे होते हैं तो उनके चेहरे पर तनाव साफ नजर आता है। अज्जू की उम्र 38 साल है और वे 18 साल की उम्र से ही किसी न किसी हिंदू संगठन से जुड़े हैं। मौजूदा समय में वे बजरंग दल के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के संयोजक हैं। अज्जू बिना किसी लाग लपेट के कहते हैं, ‘मेरे जीवन का एक ही मकसद है- लव जिहाद का खात्मा करना।’ अज्जू चौहान एक उदाहरण हैं। लेकिन, उत्तर प्रदेश के ज्यादातर शहरों में इस समय कई युवा हिंदूवादी नेता मिल जाएंगे जो लव जिहाद के मसले पर बहुत सक्रिय और मुखर नजर आते हैं। यूपी में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनने के बाद कई हिंदूवादी नेताओं का यह फुलटाइम काम हो गया है।

लव जिहाद के खिलाफ कानून के बाद हिंदू संगठनों की सक्रियता बढ़ी

हिंदू संगठन लव जिहाद के आरोप पहले भी लगाते रहे हैं। लेकिन, उत्तर प्रदेश सरकार शादी के मकसद से धर्म परिवर्तन को अवैध घोषित करने का कानून लाई है। जिसे आम बोलचाल में लव जिहाद के खिलाफ कानून कहा जाता है। यूपी में ये लव जिहाद के खिलाफ कानून बनने के बाद पहले ही महीने में 14 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जिनमें 50 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया। ये सब मुसलमान हैं। इस कानून के आने के बाद ऐसे मामलों में हिंदूवादी नेताओं की सक्रियता तेजी से बढ़ी है।

वंदे मातरम भैया मंदिर में रहते हैं और खुद को वन मैन आर्मी बताते हैं
सहारनपुर के रहने वाले विजयकांत चौहान खुद को लव जिहाद के खिलाफ वन मैन आर्मी बताते हैं। सहारनपुर और आसपास के इलाके में इन्हें वंदे मातरम भैया के नाम से जाना जाता है। वंदे मातरम भैया एक मंदिर में रहते हैं जिसके बड़े हिस्से में गौशाला बनी है। अपने आप को भगत सिंह का भक्त बताते हैं और साथ में हथियार भी रखते हैं।

उत्तम सिंह सीतापुर जिले में हिंदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष हैं। वो भी कई साल से लव जिहाद के खिलाफ काम कर रहे हैं। उत्तम सिंह के मुताबिक गांव-गांव में उनका नेटवर्क है। सिर्फ सीतापुर में ही उनके संगठन के 3600 कार्यकर्ता हैं। सीतापुर में हाल ही में एक मुसलमान लड़के के साथ जाने वाली हिंदू लड़की के मामले में भी वो सक्रिय हैं।

कोचिंग सेंटर, साइबर कैफे हर जगह नजर रखते हैं

सहारनपुर में लव जिहाद के खिलाफ सक्रिय विजयकांत चौहान कहते हैं, ‘अपनी बहन बेटियों की रक्षा के लिए मैं पागल हूं। अकेला ही लव जिहाद के खिलाफ वर्षों से लड़ रहा हूं। अब कानून बनने से हमारा काम आसान हो गया है।’ वे कहते हैं, ‘कोचिंग सेंटरों, स्कूल-कॉलेजों, साइबर कैफे जैसी जगहों पर हम नजर रखते हैं और वहां जागरूकता कार्यक्रम चलाते हैं। वॉट्सऐप ग्रुप भी चलाते हैं। अपना कार्ड भी बांट रखा है। कहीं भी लव जिहाद का मामला होता है तो हमें पता चल जाता है।’ चौहान का दावा है कि उन पर कई बार हमला भी हो चुका है लेकिन वे इन सब बातों से नहीं डरते।

लड़की मिल जाती है तो उसकी पिटाई भी करवाते हैं
आगरा के अज्जू चौहान कहते हैं, ‘मुसलमान लड़के राज और राहुल जैसे नाम रखकर छल कपट से कम उम्र की हिंदू लड़कियों पर डोरे डालते हैं। फिर उन्हें भगा ले जाते हैं।’ अज्जू का दावा है कि वे अब तक 200 से ज्यादा लव जिहाद के मामलों का खुलासा कर चुके हैं। अज्जू कहते हैं,, ‘जब कोई हिंदू लड़की घर से भागती है तो हमारी कोशिश रहती है कि परिवार के साथ मिलकर सख्त से सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया जाए। हम लड़के पर घर के जेवर और नकदी चुराने का आरोप भी लगवाते हैं। पुलिस पर दबाव बनाकर बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवाते हैं।’

अज्जू कहते हैं, ‘एक बार लड़की बरामद हो जाती है तो हमारी कोशिश रहती है कि उसे नारी निकेतन भेजा जाए। हम नारी निकेतन की सेविकाओं पर दबाव बनाकर लड़की की पिटाई भी करवाते हैं ताकि वो अदालत में परिवार के पक्ष में बयान दे।’

बेटी बचाओ, बहू लाओ
अज्जू कहते हैं कि उनके संगठन ने बेटी बचाओ, बहू लाओ अभियान भी चलाया है जिसके तहत हिंदू लड़कियों को मुसलमान लड़कों से प्रेम करने से रोका जाता है और हिंदू लड़कों को मुसलमान लड़कियों से शादी करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

अज्जू यह स्वीकार करते हैं कि लव जिहाद का कानून बनने के बाद से उनके लिए काम आसान हुआ है। वो कहते हैं, ‘अब पुलिस हमारा साथ देती है। पहले हमें पुलिस पर बहुत दबाव बनाना पड़ता था।’ वे कहते हैं, ‘लव जिहाद करने वाले कोर्ट मैरिज के लिए आते हैं। अदालतों में भी हमारा नेटवर्क है। हमारे कार्यकर्ता मौके पर पहुंच कर ऐसे जोड़ों को थाने पहुंचा देते हैं।’

सवाल उठ रहे हैं, लेकिन पीड़ित चुप्पी साध लेते हैं
बिजनौर की रहने वाली पिंकी ने मुरादाबाद के राशिद से शादी की थी। पिंकी और राशिद जब शादी करने अदालत गए तो बजरंग दल के कार्यकर्ता उन्हें पकड़कर थाने ले गए थे। जहां से राशिद को जेल और पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया गया। ये पहले दंपती हैं जिन पर यूपी में लव जिहाद कानून लागू होने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना के समय पिंकी ने आरोप लगाया था कि नारी निकेतन में उन्हें पीटा गया। जिससे बाद में उनका गर्भपात हो गया। अदालत के आदेश के बाद पिंकी अपने पति के साथ रह तो रही हैं। लेकिन, उन्हें अभी भी डर है। वो अब अपने पति के साथ छुपकर रह रही हैं। फिलहाल वे इस मुद्दे पर कोई बात करने से मना कर देती हैं।

लखनऊ के विजय गुप्ता की बेटी की एक मुसलमान युवक से परिजनों की सहमति से हो रही शादी को हिंदूवादी कार्यकर्ताओं की शिकायत के बाद प्रशासन ने रोक दिया था। विजय गुप्ता और उनका परिवार अब इस प्रकरण पर बात करना नहीं चाहते हैं।

ऐसे संगठनों ने पुलिस के पैरलेल अपना नेटवर्क बना लिया है
पूर्व IPS अधिकारी विभूति नारायण राय कहते हैं कि हिंदूवादी संगठन जानते हैं कि सरकार इस समय उनके पक्ष में है। ऐसे में वे पुलिस पर दबाव बना लेते हैं। वे कहते हैं, ‘ ऐसे मामलों में पुलिस और हिंदूवादी कार्यकर्ताओं के बीच एक तरह का गठजोड़ बन जाता है। हिंदू संगठन के लोग कई बार पुलिस की तरह ही काम करने लगते हैं, जिससे आम आदमी के अधिकारों का हनन होता है। इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रवक्ता को भी फोन किया गया, लेकिन उन्होंने इस पर कोई भी बात करने से इनकार कर दिया।