Tuesday, September 23

मध्यप्रदेश में पहली बार दी जाएगी महिला को फांसी, कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

इंदौर। ढाई साल पहले श्रीनगर कॉलोनी में लूट के लिए युवती उसकी मां और नानी की नृशंस हत्या करने के मामले में जिला अदालत ने तीनों आरोपियों को फंासी की तिहरी सजा सुनाई। इसमें एक युवती भी शामिल है। इंदौर ही नहीं प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी महिला को फंासी की सजा सुनाई गई है। इस साल इंदौर जिला कोर्ट में अब तक तीन अलग अलग फांसी की सजा सुनाई। यानी तिहरी सजा सुनाई। उन पर एक-एक हजार रूपए जुर्माना भी लगाया। हालांकि सजा की ऊपरी अदालत में पुष्टि होने पर फंासी एक बार ही दी जा सकती है।
19 जून 2011 को बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी निरंजय देश पांडे की पुत्री अश्लेषा 23, पत्नी मेघा 45 और सास रोहिणी फड़के 70 को तीन आरोपियों ने मार डाला था। यह परिवार एक महीने पहले ही श्रीनगर में किराए से रहने आया था। देवेंद्र नगर की नेहा वर्मा 23, घनश्यामदास नगर के राहुल चौधरी 24 और विद्या नगर में रहने वाला मनोज नानूराम अटोदे 32।
आरोपी नेहा की मेघा से मुलाकात ऑर्बिट मॉल में हुई थी। दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई। नेहा मेघा के घर जाने लगी। धीरे-धीरे नेहा को देशपांडे परिवार की आर्थिक स्थिति का अंदाज हो गया। वह अपने प्रेमी राहुल से भी देशपांडे परिवार के बारे में बात किया करती थी। उसने ही बताया था कि परिवार में ज्यादातर समय महिलाएं ही रहती हैं। उन्हें आसानी से रिवॉल्वर और चाकू की नोंक पर लूटा जा सकता है। नेहा ने राहुल के साथ मिलकर लूट की साजिश बनाई तो राहुल ने अपने दोस्त मनोज को भी साथ मिला लिया। इस तरह तीनों ने मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया।