Thursday, September 25

मुंबई का महासंग्राम ओर कंगना रनौत

इन दिनों मुंबई में महासंग्राम देखने को मिल रहा है जिसमें धर्म और अधर्म ,न्याय और अन्याय की लडाई देखी जा रही है ।जिस सरकार की जबाबदेही होती है कि वह राज्य के लोगों को न्याय दिलवाये ,जिस पुलिस की जबाबदेही होती है लोगों को सुरक्षा प्रदान करे वही अपराधियों के पक्ष मे खड़ी दिखाई दे रही है । टीवी चैनलों के दबाव के चलते सुशांत सिंह की मौत कि सीबीआई जांच शुरू हो गई है ।सुशांत सिंह की मौत ने महाराष्ट्र सरकार ओर मुंबई पुलिस की फजीहत करा दी है ।सुशांत कि मौत पर कई तरह के सबाल उठ रहे है महाराष्ट्र सरकार निष्पक्ष जांच करने की जगह उसे ओर संदेहास्पद बनाने का काम कर रही है । सरकार के द्वारा की जा रही बयानबाजी ने सरकार की ही प्रतिष्ठा को धूमिल किया है ।

मुंबई पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है सुशांत सिंह की मौत के बाद से ही मुंबई पुलिस की भूमिका समझ से परे है आज यदि महाराष्ट्र सरकार कि छवि खराब हो रही है उसमें मुंबई पुलिस का बढा हाथ है ।क्योंकि सुशांत की मौत की जांच जिस तरह से मुंबई पुलिस कर रही थी वह किसी के भी गले नहीं उतर रही थी। जिन बातों को मीडिया उठा रहा था उनसे मुंबई पुलिस भाग रही थी ।सीबीआई के बाद पूरी जांच में नया मोढ आ गया ओर गिरफ्तारी शुरू हो सकी वह भी बयासी दिन के बाद ।

आज कंगना रनौत को महाराष्ट्र सरकार ओर मुंबई पुलिस खलनायक कि तरह देख रही है। पर सच्चाई यह है की इस पूरे कांड पर यदि कोई बोला है तो वह है कंगना रनौत जिसने अपनी जान कि परवाह किये बगैर पहले दिन से अपनी बात बढ़ी ही बेबाकी से रख रही है। नहीं तो पुलिस ओर रिया ने सुसाइड ओर डिप्रेशन की कहानी तो वना ही दी थी ओर आज जो निकल कर आ रहा है वह कुछ नहीं आता । इसके पहले भी कई मौतें हो गई पर कहां किसी का सच सामने आया ।