
विदिशा।
50करोड़ रुपए से अधिक की लागत से 100 एकड़ क्षेत्र में मिर्जापुर स्थित नई कृषि उपज मंडी बनकर तैयार है लेकिन वहां पर मंडी के व्यापारी जाने को तैयार नहीं हैं। व्यापारी और मंडी प्रबंधन आमने-सामने की स्थिति की में हैं। व्यापारियों का कहना है कि मंडी बोर्ड की पालिसी व्यापारियों को लेकर ठीक नहीं है। मंडी बोर्ड सस्ती दरों पर जमीन खरीदकर व्यापारियों को मंहगी दरों पर भूखंड बेचना चाहता है। भूखंडों का मालिकाना हक भी नहीं दिया जा रहा है। महंगी दरों पर व्यापारी भूखंड लेने को तैयार नहीं हैं।
इस संबंध में मंडी प्रबंधन का कहना है कि व्यापारियों को 30 साल की लीज पर भूखंड दिए जा रहे हैं। 30 साल बाद लीज को रिन्यू भी करवाया जा सकता है। यदि व्यापारी भूखंड छोड़ना चाहते हैं तो वे किसी लाइसेंसी व्यापारी को दे सकते हैं। वहीं मंडी बोर्ड के एमडी अरुण पांडे ने विदिशा मंडी के अधिकारियों को आगामी रबी सीजन यानी मार्च महीने से नई मंडी शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। रबी सीजन सिर पर है और इसके बाद भी मंडी स्थानांतरण को लेकर फिलहाल व्यापारियों और मंडी के अधिकारियों में कोई सहमति नहीं बन पा रही है।
गोदाम का स्थान है छोटा : मंडी के व्यापारियों का कहना है कि व्यापारियों को बड़े गोदामों की जरूरत होती है जबकि मंडी बोर्ड के अधिकारियों ने 65 गोदाम मात्र 575 वर्गफीट के बनाए हैं। अन्य गोदामों के लिए भी 1250 वर्गफीट की जगह तय की है। इतने कम स्थान पर कारोबार करना मुश्किल होगा।
मिर्जापुर स्थित नई मंडी में बनकर तैयार है। किसानों की उपज के लए टीनशेड और प्लेटफार्म भी बनाए गए हैं।
नई मंडी का प्रवेश द्वार और बाउंड्रीवाल भी बन चुकी है।
मंडी कार्यालय का काम भी हो चुका पूरा।
मंडी बोर्ड के एमडी ने नई मंडी में चालू सीजन से काम शुरू करने के दिए हैं निर्देश