Tuesday, September 23

ये 10वीं फेल को भी बना देता था डॉक्टर, डायरी में मिले थे जीवन के रोचक लक्ष्य

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इंदौर। डॉक्टर एक ऐसा शब्द जिसके सुनने भर से ही शरीर में हो रही तेज पीड़ा से थोड़ी राहत मिल जाती है। एक विश्वास के साथ अनकी लिखी दवाईयों को खाते हैं और जुबां से नहीं तो दिल ही दिल में उन्हें धन्यवाद देते हैं। पर जब आपको यह पता चले कि आपके किसी गंभीर बीमारी का इलाज ऐसे डॉक्टर द्वारा किया जा रहा है, जो असल में उस पद का कहदार है ही नहीं तो सोचिए आपके दिल पर क्या गुजरेगी।
क्राइम बं्राच की टीम ने जुलाई के दौरान पीएमटी रैकेट सरगना डॉ. सागर के दूसरे बंगले में सर्चिग की थी। यहां पुलिस को ऊपर की मंजिल पर क्लास रूम का सेटअप मिला था। यहां सागर छात्रों को परीक्षा में नकल की ट्रेनिंग देता था। पास वाले कमरे में पीएमटी के दस्तावेज व स्टडी मटेरियल थे। पुलिस को 315 बोर की रायफल भी मिली थी, जिसका लाइसेंस नहीं मिला। क्राइम ब्रांच की टीम सागर को लेकर उसके स्कीम-94 स्थित बंगले पर पहुंची थी। यहां पुलिस ने तलाशी ली थी। यहां से सागर ने सामने वाले दूसरे बंगले की चाबियां निकाली। इसकी पार्किंग में सागर की बिना नंबर की मर्सिडीज खड़ी थी। पुलिस ने कार को जब्त किया और आगे की कारवाई में जुट गई। सागर ने बताया था कार की चाबी पत्नी के पास है जिससे उसकी तलाशी नहीं हो सकी थी। बंगले में नीचे और ऊपर तीन-तीन कमरे हैं। सभी में फर्नीचर था लेकिन ऊपर के बड़े कमरे में करीब 35 कुर्सी-टेबल लगे थे। सागर ने बताया था कि यहां छात्रों की क्लास लगती थी। 

10वीं फेल को बना दिया डॉक्टर
पूछताछ में खुलासा हुआ था कि सागर ने ऐसे लड़कों से भी सांठगांठ कर पीएमटी में चयनित करवा दिया जो 10वीं फेल थे। पुलिस को उसके बंगले से छात्रों की मार्कशीट और अन्य लेखा-जोखा भी मिले थे। सागर के घर से डायरी मिली थी। इसमें पांच लक्ष्य लिखे थे। इसमें एक ऐसा होस्टल खोलना जिसमें पीएमटी, पीएटी सहित अन्य विषयों के छात्र-छात्राएं रूक सके एक हजार एकड़ की कृषि भूमि खरीदना, 30 कमरों का होटल बनाना, दूध का व्यापार करना व कमाई का आधा हिस्सा लोक सेवा में लगाने का लिखा था।

डीआईजी राकेश गुप्ता ने बताया था कि सागर ने इस बार परीक्षा में 140 परीक्षार्थियों को बैठने के लिए तैयार किया था। पुलिस को उसके बंगले से सौदेबाजी के चेक भी मिले थे। इससे माना जा रहा है कि छात्र से डील के पहले यह चेक ले लेता था और बाद में पूरी राशि लेता था। पुलिस के अनुसार उसके खाते एसबीआई, आईडीबीआई, एक्सिस सहित अन्य बैंकों में थे। पुलिस ने छत पर चढ़कर भी तलाशी ली थी। यहां से 315 बोर की एक रायफल मिली थी। सागर का कहना था कि लाइसेंस घर पर है लेकिन घर पर भी नहीं मिला था।