देश इस समय दो संकट का सामना कर रहा है एक तो कोरोना ओर दूसरा चीन द्वारा घुसपैठ के बाद उपजे तनाव इन दोनों ही मुद्दे पर कांग्रेस का व्यवहार सकारात्मक नहीं है । यह सव जानते है कि चीन की ओर से हमारी सीमाएं खुली हुई हैं ओर अक्सर चीन उकसाने के उद्देश्य से हमारी सीमा में घुस आता है । इतिहास कि गलतियों का परिणाम हमें झेलना पढ रहा है ।बताया जाता है चीन का सीमा पर इतना दबाव रहता है कि वहां हम अपने क्षेत्र में किसी तरह का निर्माण भी नहीं कर सकते ।

पर जव से मोदी सरकार आई है तव से पूरे क्षेत्र में निर्माण कार्य बढी तेजी से चल रहे है उसी से चीन को तकलीफ है ओर वो काम रोकने का दबाव बना रहा है ।बताया जाता है की चीन अपनी सीमा से हमारी सीमा की ओर घुस आया है जव उससे वापिस जाने को कहा तो आंखें दिखाने लगा जिससे तनाव कि स्थिति निर्मित हो गई।ओर इस तनाव में हमारे बीस सैनिक भी शहीद हो गये हालांकि हमारे सैनिकों ने चीन का बढा नुकसान किया है ।
इस पूरी घटना की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी जी ने सभी राजनैतिक पार्टियों को दे दी जिसमें कांग्रेस को छोड़कर सभी पार्टी देश के साथ है ।कांग्रेस की भूमिका सवसे ज्यादा संदेह में दिखाई दे रही है । ऐसा क्या कारण है की कांग्रेस भारत की जगह चीन की तरफदारी करती नजर आ रही है । कभी राहुल गांधी तो कभी सोनिया गांधी केन्द्र सरकार को घेरने मे लगे है । इस समय कांग्रेस के पास एक अच्छा अवसर था की वह देश के साथ खडी होकर देश से सिम्पैथी बटोर सकते थे ,पर वह तो सरकार को घेरने में लगी है ओर सरकार की आलोचना का कोई मौका नहीं छोड रही इससे लोगों में अच्छा खासा गुस्सा है। चीन पर कांग्रेस की बैचेनी समझ से परे है ।