Monday, September 22

कथा एसोसिएशन..

मुरारी बापू के समर्थन मे जिस तरह से कथा वाचक संत आ रहे है इससे ऐसा लग रहा की अव ये कुछ कथा वाचकों की एसोसिएशन वन गई है ओर अपनी गलती को भी सही ठहरने का काम चालू है इसमे बढे चैनल भी परदे के पीछे से गलत को सही करने मे लगे है। कोई ये नहीं कह रहा की मुरारी बापू गलत है सव संत की परिभाषा ओर षड्यंत्र की बात कर रहे है ।

खैर अव कोई कितनी भी सफाई दे पर मुरारी बापू की कथा में क्या होता था वो उन लोगों के सामने आ गई जो अभी तक अनभिग्य थे ओर वो संत भी एक्सपोज हो गये जो लाखों रुपये लेकर कथाओं मे उन भगवान का चरित्र बताते जिसनें राज्य की भी अभिलाषा नहीं रखी।

व्यासपीठ शुद्धिकरण अभियान ने कथा वाचकों के व्यवसाय पर असर तो डाला है इसी लिए कुछ संत अपनी गरिमा को भूलकर सरासर गलत करनेवाले मुरारी बापू की बकालत कर रहे है। यहां ये भी जान लेना जरूरी है कि जो लोग मुरारी बापू का विरोध कर रहे है ये उन बीडीओ से दुखी है जिसमें उन्होंने व्यासपीठ की गरिमा को खंडित किया है ।अव यह अभियान शायद ही रुके ऐसा लग रहा है ।गलत ओर सही के इस महायुद्ध में कोन किसके साथ है ये भी सामने आनेवाला है ।