
गंजबासौदा। विद्युत वितरण कंपनी गंजबासौदा के द्वारा फीडर सेपरेशन का कार्य जिस एटूजेड कंपनी से कराया जा रहा है उसकी गुणवत्ता को लेकर बार बार सवाल उठ रहे हैं बावजूद इसके स्थानीय अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं वहीं एटूजेड कंपनी मनमानी से कार्य कर रहीं है। जिसका लाभ नगर को नहीं मिल रहा है। और न ही विद्युत वितरण कंपनी कोभी आखिर ऐसी क्या मजबूरी विद्युत वितरण कंपनी की जो एटूजेड कंपनी के द्वारा किए गए कार्यों से असंतुष्ट होने के बावजूद भी उसी से कार्य कराया जा रहा है।
आपको बता दें कि गंजबासौदा में फीडर सेपरेशन का काम एटूजेड कंपनी को मिला हुआ है पर कंपनी की गुणवत्ता को लेकर शुरू से ही सवाल उठ रहे हैं पर विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी उन सवालों का कोई ठोस निकाल नहीं कर पा रहे हैं और वह यह कहते नज़र आ रहे हैं कि यह कार्य हमारे अधीन नहीं है ये तो उपर वाले ही बता पाएंगे। आखिर वो उपर वाले कौन हैं वह भी सामने नहीं आते हैं परिणाम स्वरूप एटूजेड कंपनी घटिया निर्माण की इबादत लिखने में लगी हुई है। जहां नौ मीटर का खंभा खड़ा होना चाहिए वहां आठ मीटर का खड़ा कर देते हैं और जहां 11 मीटर का खड़ा होना चाहिए वहां 9 मीटर का खड़ा कर देते हैं। खंभों की गुणवत्ता भी एक सवाल बनी हुई है। इतना ही नहीं जिन खंभो पर नवीन विद्युत केबल डाली गई है वह भी पर्याप्त उंचाई पर नहीं बांधी गई है। पहले की तरह ही वह केबल झूल रही है। इतना पैसा खर्च करने के बाद भी नगर की विद्युत समस्या वहीं की वहीं दिखाई दे रही हैं। आए दिन विद्युत तारों का टूटना और पोलों का गिरना आम बात सी हो गई है। विगत दिनों एटूजेड कंपनी द्वारा खड़े किए जा रहे विद्युत पोल पर जैसे ही विद्युत केबल डाली गई तो खंभा टूटकर नीचे आ गया जिससे बड़ा हादसा होते होते बचा है। शिकायत करने पर सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन ही दिया जा रहा है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि सांसद सुषमा स्वराज कर संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद भी गुणवत्ताहीन कार्य किया जा रहा है। अधिकारियों के हौसले इसी से समझे जा सकते हैं।