उस समय भी राक्षसों के आतंक से साधू संत सुरक्षित नहीं थे,उस समय भी मक्कार ओर भोगलिप्सा में मग्न राजा होते थे, उस समय भी भगवा को कीमत चुकाना पढ रही थीओर उस समय भी जनता असहाय महसूस करती थी ।
इस समय महाराष्ट्र मे भी यही सव हो रहा है ,ओर वहां की मक्कार सरकार सत्ता विलासिता मे ऐसी डूबी है ,उसे कुछ ओर दिखाई ही नहीं दे रहा ।पहले पालघर में बेरहम भीड ने दो संतों की हत्या की ओर अव नादेड़ मे एक संत की ओर हत्या कर दी गई।
