

पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग के बीच यह बेहद सुहाना सफर है। यह भी विश्व धरोहर है। इस रूट पर ट्रेन महज 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती है। 83 किलोमीटर के इस सफर में 503 ब्रिज और 14 स्टेशन पड़ते हैं।courtesy bhaskar
भारत में कुछ हिल स्टेशन्स पर ट्वॉय ट्रेनें चलाई जाती हैं। इसका उद्देश्य है कि पर्यटक धीमी गति से सफर करते हुए पर्वतीय इलाकों की प्राकृतिक खूबसूरती
को निहार सकें। आज हम आपको इंडिया की कुछ ऐसी ट्रेनों के बारे में बता रहे हैं।
1-कालका-शिमला रेलवे
24 जुलाई, 2008 को यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर घोषित किया गया। 96 किलोमीटर का यह सफर 5-6 घंटे में पूरा होता है। इस रूट पर 103 सुरंगें, 869 पुल और 919 घुमाव आते हैं। इनमें से सबसे तीखे मोड़ पर ट्रेन 48 डिग्री तक घूमती है।