
दिल्ली की सड़को हजारो की तादात में लॉक डाउन का उलंघन करते हुए लोग दिखाई देने लगे हैं लोग हैरान परेशान यहाँ वहा भटकते नजर आ रहे थे ऐसे में केंद्र सरकार की कोशिश जिस उद्देश्य से लॉक डाउन किया वह फ़ैल होता नजर आ रहा हैं तो सवाल यह उठता हैं की आखिर यह सब कैसे हो गया जब दिल्ली सहित पूरा देश लॉक डाउन हैं तो इतने सारे लोग अचानक सड़को पर कैसे आ गए ऐसे में यह सवाल उठना भी लाजमी हैं के कही ये सुनियोजित षड्यंत्र तो नहीं |
25 मार्च से पूरे देश में लॉक डाउन की घोषणा की गयी थी शहर ही नहीं गांव भी अछूते नहीं थे कई जगह तो 144 धारा के साथ कर्फ्यू की भी खबरे चल रही हैं| दिल्ली पहले से ही सेंसेटिव घोषित की जा चुकी थी चारो और पुलिस गश्त चल रही थी दिल्ली से लगी हुयी सीमाएं पंजाब उत्तरप्रदेश पर भी नाके बंदी की गयी थी इतना सख्त पहरा होने के बाद भी अपने घर की और पलायन करने के लिए लोग सौ – सौ किलोमीटर दूर से पैदल चल दिए यहाँ फिर वही सवाल खड़ा होता हैं की इतना पहरा होने के बाद भी इतने सारे लोग किस रास्ते से दिल्ली में प्रवेश किये और जब ये प्रवेश कर रहे थे तो हमारे पुलिस और प्रशासन क्या कर रहे थे कही ऐसा तो नहीं इस सब के पीछे भी कोई षड्यंत्र काम कर गया हो क्योँकि कल पीड़ित लोग बता रहे थे की हमे एसएमएस से यह सुचना मिली के दिल्ली से बसें उपलब्ध कराई जा रही हैं |
जिस कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश को बंद कर दिया हो और अरबों रुपयों नुकसान सहन किया जा रहा हो उस सब के बीच उस मूल उद्द्येश को आखिर किसने पलीता लगा दिया | क्योँकि यह मामला छोटा मामला नहीं हो सकता इसकी जाँच तो होना ही चाहिए यदि ये लोग जिन जिन राज्य के भी हैं वहा इस स्थिति में जाएंगे तो वहा के लोगो को संक्रमण का खतरा कितना बढ़ जाएगा इसका शायद अहसास नहीं हैं प्रशांसन को एक अतिरिक्त बोझ भी सहन करना पड़ेगा |
जब यह हाल दिल्ली के हैं जो देश की राजधानी के साथ वायरस के प्रभाव मे भी हैं ऐसी में बार बार ये सोचने को मजबूर होना पड़ रहा हैं की कही कोई षड्यंत्र तो हैं खैर यह जाँच के बाद ही पता चल सकेगा की इतनी तादात में इतने लोग कैसे इकट्ठा हो गए और ये लोग जहा काम कर रहे थे उन लोगो ने जाने की उन्होंने प्रशासन को इसकी सुचना क्योँ नहीं दी |