Sunday, October 19

एक राष्ट्र नायक मोदी जी

देश के मुखिया की पहचान बिपत्ति के समय ही पता चलती हैं, की उसका मुखिया उसके प्रति कितना गंभीर हैं और उसके लोगों की क्या भावना हैं उस देश के नागरिक अपने मुखिया की कितनी बातों को महत्त्व देते हैं यदि हम इस आंकलन पर अपने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रखे तो सौ प्रतिशत नागरिक उनके प्रति अटूट विश्वास रखते हैं उनकी कही हुयी बात को पत्थर की लकीर मान लेते हैं इसका जीता जागता उदाहरण हैं कोरोना बायरस को लेकर भारत के प्रधानमंत्री ने देश के नागरिको के द्वारा स्वयं के ऊपर कर्फ्यू लागू करने की मांग की थी जिसे पूरे राष्ट्र ने सिरोधार्य किया |

इतना ही नहीं उनके द्वारा बताये गए तय समय पर कोरोना की जंग में लड़ रहे शासकीय कर्मचारियों के हौंसले बढ़ाने के लिए नागरिकों ने थाली, ताली, घंटी, शंख, झालर से उनका अभिवादन किया | यह देश के इतिहास में शायद पहला अवसर हैं जब बगैर किसी जोर-जबरजस्ती के नागरिकों ने पूरी तरह अपने ऊपर कर्फ्यू लगाया नहीं तो अक्सर देखा गया हैं | जैसे ही कर्फ्यू की घोषणा की जाती थी तो सायरन बजाती पुलिस की गाड़िया अर्धसैनिक बल के वाहन रैपिड एक्शन फ़ोर्स के सायरन से लोग विचलित होते नजर आते थे |

पूरे विश्व में यह शायद पहला उदाहरण होगा जब किसी देश का मुखिया कोई बात कहे और उसे देश के नागरिक स्वीकार करे आज जिस तरह से पूरा विश्व कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने की तमाम कोशिशे बल पूर्वक कर रहा हैं वही भारत में यही प्रयास सरलता से किये जा रहे हैं | केंद्र सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमो का राज्य भी बराबर से पालन कर रहे हैं और केंद्र के बताये निर्देशों पर इस संक्रमण को रोकने का प्रयास कर रही हैं | ऐसे राष्ट्र नायक देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत इस गंभीर संक्रमण से लड़ाई लड़ रहा हैं| जिसमे नागरिकों का सहयोग भी बराबर मिल रहा हैं और इस लड़ाई को नागरिको के सहयोग से ही जीता जा सकता हैं ऐसे में नरेंद्र मोदी एक राष्ट्र नायक के रूप में अपनी भूमिका अदा करते दिखाई दे रहे हैं |