
भोपाल| मध्यप्रदेश पर इस बार इंद्र देवता खासे मेहरबान हैं।इसके पहले वर्ष 2013 में पूरे सीजन में प्रदेश में 1305.1 मिमी बरसात हुई थी। उधर मंगलवार को बंगाल की खाड़ी के आंध्रा कोस्ट पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बन गया है। इसके 24 घंटे में कम दबाव का क्षेत्र बनकर आगे बढ़ने की संभावना है। इस सिस्टम के प्रभाव से दो दिन बाद प्रदेश के अनेक स्थानों पर झमाझम बरसात का एक और दौर शुरू होने के आसार हैं।मौसम विज्ञान केंद्र के प्रवक्ता के मुताबिक वर्ष-1996 से 2019 तक प्रदेश में अभी तक सिर्फ दो बार ही रिकार्ड बरसात हुई है। वर्ष-2013 के बाद इस बार सामान्य से काफी अधिक बरसात हुई है। साथ ही बारिश का सिलसिला जारी हैं।