Tuesday, October 21

महाविद्यालय के सीधे चुनाव से कही अपराध का जन्म तो नहीं होगा

महाविद्यालय चुनाव प्रक्रिया को लेकर छात्र संगठन कई दिनों से सीधी प्रक्रिया अपनाये जाने की मांग कर रहे थे पर कोई भी सरकार इस प्रक्रिया का पालन करने से बचती नजर आरही थी | सीधे चुनाव प्रक्रिया के समय का महाविधालय के चुनाव परिणामो की बातकी जाए तो एक और जहा कई छात्र नेता निकलकर मुख्य राजनीति का हिस्सा बने तो कही छात्र नेताओ ने अपने बलिदान भी दिए मार-धाड़,लड़ाई – झगडे जैसे अपराध महाविद्यालयों का हिस्सा हुआ करंट थे इसी अपराध को ख़तम करने के लिए तत्कालीन सरकार ने सीधी चुनाव प्रक्रिया बंद करने मेरिट लिस्ट पर चुनाव प्रक्रिया शुरू की इसके बाद से महाविद्यालय में शिक्षा के स्तर मे भी सुधार आया और आपराधिक गतिविधिया भी महाविद्यालय में खत्म हुयी |

अब एक बार फिर छात्र राजनीति को बढ़ावा देने के लिए महाविद्यालय चुनाव प्रक्रिया शुरू की जा रही हैं | तो ऐसे में कई शकाओं का जन्म होना स्वभाभिक हैं | क्या इस बात की कोई गारंटी ले सकता हैं | कि महा विद्यालय में अपराध का जन्म नहीं होगा ? क्या सीधे चुनाव से छात्रों में वे-मनता नहीं फैलेगी | क्या सीधे चुनाव से छात्रों में पढाई के प्रति रुझान कम नहीं होगा ऐसे कई प्रश्न स्वाट ही इस निंर्णय से खड़े हो जाते हैं | और प्रश्न खड़े होना भी स्वाभाविक हैं |

आज महाविद्यालयों में लड़ाई-झगडे की कोई भी घटना सुनाई या दिखाई नहीं पड़ती छात्र अपना भविष्य बनाने की और दिखाई देते हैं | क्योँकि आज प्रतिस्पर्धा का दौर हैं और इस दौर में छात्र राजनीती करना भविष्य को तिलांजलि देना हैं | यदि हम पुराने छात्र राजनीति पर चर्चा करे कई चर्ता राजनीति से आगे आकर मुख्या राजनीति का हिस्सा बने पर वह समाज में कोई ठोस वदलाव लाने वाले नहीं दिखाई दिए खैर सरकार हैं जो चाहे सो कर सकती हैं पर इस निर्ण से क्या बदलाव आएगा यह तो भविष्य के गर्त में छुपा हैं |