नईदिल्ली। बंगाल की खाड़ी से उठे समुद्री चक्रवात हुदहुद ने रविवार को आंध्र प्रदेश और ओडिशा में जमकर तबाही मचाई। पांच लोगों की मौत के अलावा संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ। हालांकि समय रहते एहतियाती कदम उठाने की वजह से ज्यादा मौतें नहीं हुईं। आंध्र में सबसे ज्यादा नुकसान विशाखापट्टनम में हुआ। 190 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं की वजह से शहर में सैकड़ों पेड़ उखड़ गए कच्चे मकानों की छतें उड़ गईं और भारी बारिश की वजह से कई इलाको में पानी भर गया।
चिडिय़ा के नाम पर रखा गया है हुदहुद चक्रवात का नाम
बंगाल की खाड़ी में उठे समुद्री चक्रवात हुदहुद का नमा हुपु चिडिय़ा के नाम पर रखा गया है। हुपु को अरबी भाषा में हुदहुद कहा जाता है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व में आने वाले समुद्री तूफानों के नाम रखने के लिए आठ देशों की एक कमेटी बनाई है। भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, और थाईलैंड इस कमेटी के सदस्य हैं। इस कमेटी के देश अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आने वाले तुफानों के नाम प्रस्तावित करते हैं। हुदहुद नाम पश्चिम एशियाई देश ओमान द्वारा प्रस्तावित किया गया है।
ज्यादा तबाही मचाते हैं फीमेल तूफान
जिस तरह नाम से व्यक्ति की पहचान होती है, उसी तरह सुनामी, कटरीना, सैंडी जैसे तूफान अपने नामों से जाने जाते हैं। तूफानों के नाम रखे कैसे जाते हैं, इसकी प्रक्रिया बड़ी रोचक है। आम लोगों को तूफान के बारे में लिखित या ब्रॉडकास्टिंग के जरिए जानकारी देने के लिए जरूरी था, तूफान का नाम होना। बस इसी तरह शुरू हुई तूफानों के नामकरण की प्रक्रिया। अध्ययन बताते हैं
हैं कि 1950 तक तूफानों को उनके सन के हिसाब से जाना जाता था, जैसे 1946ए, 1946बी। लेकिन 1950 के बाद तूफानों का फीमेल नाम रखा जाने लगा और 1979 से तूफानों का नाम पुरूषों के नाम पर भी रखा जाने लगा।
यह है तूफानों के नाम रखने की प्रक्रिया
विश्व मौसम विज्ञान संगठन की अंतरराष्ट्रीय संस्था एक कड़ी प्रक्रिया के द्वारा तूफानों के वास्तविक नाम चुनती है। इनके नाम छ: अलग-अलग लिस्ट में से रोटेट करके रखे जाते हैं। हर लिस्ट में 21 नाम होते हैं, जिन्हें अल्फाबेट के हर वर्ण (क्यू, यू, एक्स, बाय और जेड को छोड़कर) से शुरू किया जाता है। इसके नियम है कि नाम छोटे व अंग्रेजी, स्पैनिशा या फ्रेंच भाषा के होने चाहिए। मध्य और उत्तर अमेरिकी के अलावा कैरेबियन भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए।यह लिस्ट हर छ: साल में रिसाइकल की जाती है। जो तूफान विध्वंसकारी होते हैं यानी जिनमें जान-माल की अधिक हानि होती है उन्हें सूची से रिटायर कर दिया जाता है, ताकि भविष्य में उनका संदर्भ लेने में आसानी हो।
ज्यादा तबाही मचाते हैं फीमेल नाम के तूफान
इलिनोइस व एरिजोना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने रिसर्च के बाद यह दावा किया है। राष्ट्रीय अकादमी में प्रकाशित रिसर्च की रिपोर्ट बताती है कि मेल नाम वाले तूफानों की अपेक्षा फीमेल नाम वाले तूफान ज्यादा विनाशकारी होते हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया कि फीमेल नाम वाले तूफानों को लोग ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं, जबकि सबसे ज्यादा तबाही यही मचाते हैं।
इस अध्ययन के सह लेखक व इलिनोइस विश्वविद्यालय के मार्केटिंग के प्रोफेसर शेरॉन शेविट कहते हैं कि तूफानों का नाम पूर्व निर्धारित होता है। हम तूफान को रोडार में देखकर अनुमान लगाकर उसका नाम निर्धारित करते हैं, तब ये लिंग आधारित होता है।