कर्नाटक की एक महिला धर्मगुरू द्वारा बढ़ते रेप के मामलों के लिए लड़कियों के चुस्त कपड़ों को वजह बताने और रेप रोकने के लिए वेश्यावृत्ति को कानूनी दर्जा दिए जाने के सुझाव देने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। कर्नाटक के कई धार्मिक संगठनों ने इस बयान पर विरोध जताया है।
लिंगायत समुदाय की धर्मगुरू माथे महादेवी ने हाल ही में कहा कि रेप के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं और वेश्यावत्ति को काूनी दर्जा दिए जाने का वक्त आ गया है। महादेवी ने कॉलेज में पढऩे वाली और एमएनसी में काम करने वाली लड़कियों की चुस्त कपड़े पहनने के लिए भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि लड़कियां ऐसा करके अवांछित तरीके से लोगों का ध्यान खींचती हैं और खुद को खतरे में डाल लेती हैं। इस तरह वे अपराधियों के निशाने पर आ जाती हैं। महादवेी के मुताबिक, महिलाओं को भारत के समृद्ध संस्कृति को समझने की जरूरत है और उन्हें वही कपड़े पहनने चाहिए जिनसे सही तौर-तरीकों और परंपरा की झलक मिले। महादेवी ने कहा कि अभिभावकों को अपनी बेटियों को देर रात तक घर से बाहर नहीं रहने देना चाहिए। एक अन्य सवाल के जवाब में महादेवी ने कहा कि कुछ महिलाएं कानून का दुरूपयोग करती हैं और ब्लैकमेलिंग में शामिल होती हैं। धर्मगुरू ने अपने सुझावों पर विचार करने के लिए सरकार से एक कमिटी बनाने की भी मांग की।