Tuesday, September 23

18 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति मामले में फैसला सुनने बेंगुलुरू पहुंच ीजयललिता

jaya lalitaबेंगलुरू। तमिनाडु की सीएम जयललिता को बेंगलुरू की विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिया है। इस मामले में सजा का एलान दोपहर तीन बजे के बाद किया जाएगा। इस मामले में उन्हें अधिकतम सात साल की जेल हो सकती है। साथ ही उन्हें सीएम पद भी छोडऩा होगा। डीकुन्हा पारपन्ना अग्रहरा जेल परिसर में बनाए गए अस्थायी कोर्ट में फैसला सुनाया गया।
एआईएडीएम के प्रमुख जयललिता पर थे कि 1991 से 1996 के दौरान बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने आय से अधिक 66 करोड़ रूपए की संपत्ति जमा की। जब वह मुख्यमंत्री थीं तो बतौर वेतन एक रूपया लेती थीं। सीएम बनने से पहले उन्होंने अपनी संपत्ति 3 करोड रूपए बताई थी, लेकिन पांच साल में उनकी संपत्ति 66 करोड़ हो गई। मामले में उनकी सहयोगी शशिकला नटराजन, उनकी रिश्तेदार इलावरासी और उनके गोद लिए लेकिन बाद में बेदखल किए गए सुधाकरन को भी आरोपी बनाया गया था। जया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस दर्ज किया गया था।
छापे के दौरान मिला था 28 किलो सोना
1996 में जब जयललिता के घर पर छापा मारा गया था तब 896 किलो चांदी, 28 किलो सोना, 10 हजार साडियां, 750 जूते और 51 घडियां बरामद हुई थीं।
कड़े सुरक्षा इंतजाम
मामले की सुनवाई के मद्देनजर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक, अदालत के नजदीक कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस, आम्र्ड रिजर्व एवं रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया है। इसके अलावा, सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल सादे कपड़े में तैनात है।
14 जून सुब्रमण्यम स्वामी ने जयललिता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। 21 जून प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज ने आईपीएस लतिका सरन को मामले की जांच का आदेश दिया। 18 जुलाई तत्कालीन डीएमके सरकार ने डायरेक्टोरेट ऑफ विजिलेंस एंड एंटी करप्शन को जयललिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। 1997 4 जून 66.65 करोड रूपए के आय से अधिक संपत्ति मामले में चेन्नई में चार्जशीट दाखिल की गई। 21 अक्टूबर कोर्ट ने जयललिता, वीके शशिकला, वीएन सुधाकरन और जे इलावर्सी के खिलाफ आरोप तय किए। 2002 मार्च जयललिता फिर मुख्यमंत्री बनीं। नवंबर 2002 से फरवरी 2003 76 गवाह अपने पुराने बयान से पलट गए। 28 फरवरी, 2003 मामले की सुनवाई ट्रांसफर कराने के लिए डीएमके नेता के अनबाजगन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। 18 नवंबर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई बेंगलुरू के स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया। दिसंबर 2003 से मार्च 2005 बेंगलुरू में बने स्पेशल कोर्ट ने बीबी आचार्य को विशेष लोक अभियोजक बनाया। 2010 22 जनवरी सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई का रास्ता साफ किया और सुनवाई शुरू हुइ दिसंबर 2010 से फरवरी 2011 गवाहों से दोबारा पूछताछ हुई। 16 मई एआईएडीएमके की सत्ता में वापसी हुई। जयललिता फिर से मुख्यमंत्री बनीं। 20-21 अक्टूबर और 22-23 नवंबर जयललिता स्पेशल कोर्ट में पेश हुईं और कोर्ट के सवालों का जवाब दिया। 13 अगस्त 2012 जी भवानी सिंह को विशेष लोक अभियोजक बनाया गया। 23 अगस्त के अनबाजगन ने इस नियुक्ति पर सवाल खड़े करते हुए हाईकोर्ट का रूख किया। 26 अगस्त कर्नाटक सरकार ने भवानी सिंह को पद से हटाया। अगस्त-सितंबर भवानी सिंह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और फैसला उनके पक्ष में आया। 30 सितंबर स्पेशल कोर्ट के जज बालकृष्ण रिटायर हो गए। 29 अक्टूबर हाईकोर्ट ने जॉन माइकल कुन्हा को स्पेशल कोर्ट का जज बनाया। 28 अगस्त सुनवाई पूरी हुई। स्पेशल कोर्ट ने कहा कि 20 सितंबर को फैसला सुनाया जाएगा। 15 सितंबर जयललिता ने सुरक्षा कारणों से जगह बदलने की मांग की। 16 सिंतबर स्पेशल कोर्ट ने जया की याचिका स्वीकार की और जगह बेंगलुरू सेंट्रल जेल के पास शिफ्ट कर दिया। कोर्ट ने फैसले को भी 27 सितंबर तक के लिए टाल दिया।