Tuesday, September 23

सुप्रीम कोर्ट ने 214 कोयला खदानों का आबंटन रद्द किया

8909_coal-blockनईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक बड़े फैसले में 214 कोयला खदानों का आवंटन रद्द कर दिया। ये सभी खदानें प्राइवेट कंपनियों को आवंटित की गई थीं। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कंपनियों को खदानों से अपना कारोबार समेटने के लिए 31 मार्च 2015 तक का समय दिया है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि खदानों को चालू नहीं करने वाली कंपनियों को नुकसान की भरपाई के रूप में मुआवजा अदा करना होगा। कोर्ट ने सरकारी कंपनियों के चार कोयला खदानों को अवैध ठहराए जाने के बावजूद उनके आवंटन को रद्द नहीं किया। उद्योग जगत के जानकार बताते हैं कि आवंटन रद्द होने से सबसे ज्यादा नुकसान बैंकों, पावर, इंफ्रस्ट्रक्चर, माइनिंग और प्राइवेट कोल कंपनियों को होगा।
इसी साल 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 1993 से अभी तक आवंटित किए गए करीब 218 कोयला खदानों को अवैध करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में इसी मामले में सुनवाई के दौरान कहा था कि नीलामी व्यवस्था से पहले 1993 से 2010 के बीच एनडीए और यूपीए सरकारों द्वारा किए गए कोयला ब्लाकों के सभी आवंटन गैरकानूनी तरीके से तदर्थ और लापरवाही के साथ बगैर दिमाग लगाए किए गए। कोर्ट की बेंच ने 218 कोयला खदानों के आवंटन की जांच पड़ताल की और कहा था कि राष्ट्रीय संपदा के अनुचित तरीके से वितरण की प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता नहीं थी, जिसका खामियाजा लोागों को चुकाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पिछले दो दशक में 36 स्क्रीनिंग कमेटियों ने अवैध और मनमाने तरीके से कोल ब्लॉक आवंटित किए। कोल ब्लॉक का मामला भले मनमोहन सरकार के समय में उछला, लेकिन जांच 1993 से 2010 के बीच आवंटित हुई सभी खदानों की जांच की गई। झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और मध्यप्रदेश में 1993 से 2010 के बीच 218 कोल ब्लॉक्स आवंटित हुए।
जुलाई 1992
कोयला मंत्रालय ने निजी बिजली कंपनियों को कोयला खदान आवंटित करने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन करने का आदेश दिया। इस कमेटी पर निजी बिजली उत्पादन कंपनियों के कैप्टिव माइनिंग के लिए भेजे गए प्रस्तावों पर विचार करने की जिम्मेदारी थी। स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा निर्धारित की गई गाइडलाइन्स के तहत पावर और स्टील कंपनियों के बड़े प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता देना सुनिश्चित किया गया। ब्लॉक्स का आवंटन पहले आओ-पहले पाओं के आधार पर किया गया।
वर्ष 1993 से 2005 के बीच
1993 से 2005 के बीच लगभग 70 कोल फील्ड का आवंटन किया गया। 2006 में 53 कोल फील्ड आवंटित की गईं। इसके बाद 2007 में 52, 2008 में 24, 2009 में 16 कोल ब्लॉक का आवंटन किया गया।