रांची। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को नक्सलप्रभावित में खुद बाइक चलाकर सीआरपीएफ कैंप पहुंचे। रांची आने के बाद वह हेलिकॉप्टर से सारंडा पहुंचे। वहां से थलकोबाद स्थित सीआरपीएफ कैंप पहुंचने के लिए मोटरसाइकिल का सहारा लिया। उनके साथ राज्य के डीजीपी राजीव कुमार समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी थे। सारंडा को एशिया के सबसे घने जंगलों में से एक कहा जाता है। ऐसे संवेदनशील इलाके में जब गृह मंत्री ने खुद बाइक चलाने की बात कही तो वहां मौजूद अधिकारी अचंभित रह गए।
जवानों को सुनाई चन्द्रशेखर आजाद जीवन की कहानी
राजनाथ सिंह ने सीआरपीएफ कैंप का निरीक्षण किया। गृह मंत्री ने जवानों का हाल-चाल जाना और उनका हौंसला बढ़ाया। उन्होंने जवानों को स्वतंत्रा सेनानी चंद्रशेखर आजाद के जीवन के किस्से सुनाए। मंत्री ने जवानों से कहा कि आजादी के बाद भारत आज एक बार फिर विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है जिसका पूरी ताकत से मुकाबला करना है।
बीएफएफ के विमान से पहुंचे रांची
राजनाथ सिंह बीएसएफ के विमान से तय समय से एक घंटा देरी से रांची पहुंचे। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर बीजेपी नेताओं ने उनकी अगवानी की। एयरपोर्ट पर झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवीन्द्र राय, पूर्व सीएम अजुर्न मुंडा, धनबाद के सांसद पीएन सिंह समेत अन्य नेता पहले ही पहुंच गए थे।
सीएम समेत शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक
सीआरपीएफ कैंप का दौरा करने के बाद राजनाथ सिंह राजभवन में सीएम हेमंत सोरेन समेत प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नक्सल समस्याओं पर समीक्षा बैठक करेंगे। शाम को वह भाजपा प्रदेश कार्यालय में पार्टी कार्यकताओं को संबोधित करेंगे।
विशेष सहायता की मांग
राजनाथ सिंह के साथ उच्चस्तरीय बैठक में राज्य सरकार सभी जिलों के लिए विशेष सहायता पैकेज की मांग करेगी। नक्सल प्रभावित राज्य होने के कारण अभी 17 जिले इंटीग्रटेड एक्शन प्लान के दायरे में हैं। इन जिलों को केंद्र की ओर से विशेष सहायता राशि प्रदान की जाती है। केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य मांग करेगा कि सभी 24 जिलों को आईपी के दायरे में लाकर विशेष पैकेज दिया जाएगा।
आत्मसमर्पण के बाद नक्सलियों का हो बीमा
राज्य मेें नक्सली हिंसा के विषय पर हुई सोमवार की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मसर्मण के बाद नक्सलियों को आम लोगों की तहर सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलना चाहिए। उन्हें भी जीवन बीमा का लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए बीमा कंपनियों को निर्देश देते हुए केंद्र के समक्ष प्रस्ताव रखा जाए।