Tuesday, September 23

नवरात्रि में ये साधारण उपाय करने से इनकम से जुड़ी प्रॉब्लम्स दूर हो सकती हैं

6057_untitled-5उज्जैन। हमारे धर्म ग्रंथों में कहा गया है धनेन बलवांल्लोके धनाद्भवति पण्डित:। सरल शब्दों में अर्थ है धन से इंसान ताकतवर बनता है यानी धनवान व्यक्ति की गिनती गुणी, विद्वान और योग्य लोगों में होने लगती है। यही कारण है कि हर इंसान जीवन में सुख और धन पाने की कामना करता है। यदि आप भी ठाठ से जीवन गुजारने का सपना पूरा करना चाहते हैं तो 25 सिंतबर गुरूवर से नवरात्रि में नीचे बताए गए तरीकों से महालक्ष्मी की उपासना करें। यहां बताए जा रहे लक्ष्मी कृपा पाने के उपाय अपनाने से आपके घर पर हमेशा मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
* सुबह जागें तो सबसे पहले हथेलियों और हाथों की लकीरों को देखें। शास्त्रों में लिखा है कि कराग्रे वसते लक्ष्मी यानी हाथों के अगले भाग में माता लक्ष्मी का वास होता है। वहीं, हाथों की लकीरें तकदीर नियत करने वाली मानी गई हैं।
* नवरात्रि में रोज देवी लक्ष्मी की पंचोपचार पूजा गंध, पुष्प, धूप, दीप व नैवेद्य से करें। लक्ष्मीजी की आरती कर आखिरी में खास तौर पर शंख व डमरू बजाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से घर से दरिद्रता, कलह व दोष फौरन दूर हो जाते हैं।
* देवी लक्ष्मी को कमल के फूल चढ़ाकर पूजा करें और श्रीं बीज मंत्र का १०८ बार कमलगट्टे की माला से स्मरण करें।
* नवरात्रि में किसी भी एक दिन भगवान विष्णु के मंदिर में पति-पत्नी दोनों साथ जाएं। पीला वस्त्र चढ़ाएं तो घर-परिवार में लक्ष्मी कृपा के साथ धन संपत्ति भी बढ़ेगी।
* नवरात्रि की हर रात, खासकर महाष्टमी व महानवमी तिथियों पर शाम को गाय के गोबर से बना दीपक मीठा तेल व थोड़ा सा गुड़ डालकर प्रज्जवलित करें। इसे घर के प्रवेश द्वार के नजदीक रखने से घर में लक्ष्मी आती है।
* तुसली विष्णुप्रिया पुकारी गई हैं और देवी लक्ष्मी भी विष्णु पत्नी हैं। इस तरह लक्ष्मी स्वरूपा तुलसी के पत्तों की माला बनाकर महालक्ष्मी के चरणों में चढ़ाने से घर-परिवार में धनवृद्धि होती है।
* नवरात्रि में देवी लक्ष्मी को चढ़ाए श्यामा तुलसी के पत्ते तिजोरी में रखने से धन की तंगी कभी नहीं होगी।
* दोपहर में विष्णु स्वरूप अश्वत्थ यानी पीपल के पेड़ की परछाई में खड़े होकर उसकी जड़ में दूध, घी व शक्कर मिला पवित्र गंगाजल चढ़ाएं। शाम को इसी स्थान पर दीपक जलाकर पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें तो लक्ष्मी कृपा से अपार धनलाभ होता है।
* कमल पर विराजित होने से मां लक्ष्मी को कमला भी पुकारा जाता है। यह दस महाविद्याओं में भी एक हैं। इसी तरह गोमय यानी गोबर, आंवले व शंख में देवी लक्ष्मी का वास माना गया है। इसलिए इन तिथियों पर इनमें से किसी का भी पूजा या कामों में उपयोग सुख-शांति देने वाला होता है।
* पौराणिक मान्यात है कि समुद्र मंथन के दौरान प्रकट देवी लक्ष्मी को पाने के लिए जब देव-दानवों में होड़ लगी, तो इस संघर्ष के दौरान देवी लक्ष्मी ने बिल्व वृक्ष में विश्राम किया। इसलिए नवरात्रि के दौरान बिल्वपत्र के पेड़ की पूजा या जल चढ़ाना भी लक्ष्मी की अपार कृपा बरसाने वाला उपाय माना गया है।