Monday, September 22

बाढ़ में अब भी फंसे हैं छह लाख लोग, मंत्रियों से नहीं हो पा रहा सीएम का संपर्क

8492_untitled-120जम्मू-श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में बाढ का पानी उतरना शुरू हो गया है, लेकिन छह लाख लोग अब भी फंसे हुए हैं। संचार व्यवस्था इस कदर ठप पड़ी है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है कि उनके 90 फीसदी मंत्रियों से उनकी बात नहीं हो पा रही है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं। लेकिन अभी तक राहत नहीं पहुंच पा रही। पानी भर चुके सेना के कई शिविरों में भी करीब एक हजार फौजी और उनके परिवार भूखे-प्यासे राहत आने का इंजतार कर रहे हैं। श्रीनगर में स्थानीय लोगों ने बुधवार को एनडीआरएफ के एक वजान पर हमला भी कर दिया। उसके हाथ में काफी चोटें आई हैं। ये लोग एनडीआरएफ के जवानों को राहत कार्यों के लिए सिर्फ एक इलाके पर ज्यादा फोकस करने के लिए कह रहे थे। जब राहत कार्य में जुटे कर्मचारियों ने दूसरे इलाके में जाने की कोशिश की, तो लोगों ने हमला कर दिया।
एनडीआरएफ के ही कुछ अन्य सदस्यों से उस वक्त मारपीट की गई जब वे बाढ़ पीडि़त इलाकों में राहत कार्य में जुटै हुए थे। हमले में घायल व्यक्ति को चंडीगढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लोग इस बात से भी नाराज हैं कि राजनेता और वीआईपी लोग उनके हालात का जायजा लेने नहीं आ रहे हैं। वे केवल हवाई दौरा कर खानापूर्ति कर रहे हैं। टीवी रिपोटï्र्स में भी स्थानीय लोग ठीस से मदद न मिल पाने की शिकायत करते दिख रहे हैं।
घुसपैठ की कोशिश नाकाम: इस बीच, सेना ने केरन सेक्टर में घुसपैठ की एक कोशिश नाकाम कर दी। बता दें कि लाइन ऑफ कंट्रोल से लगे कई आर्मी बंकरों में पानी घुस गया है। सैनिकों को अपने हथियार और राशन बचाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हम हर पीडि़त तक पहुंचेंगे अब्दुल्ला: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 109 सालों में घाटी मे ंआया यह सबसे भीषण सैलाब है। हालांकि, उन्होंने इस बात को खारिज किया कि प्रधानमंत्री के दौरे के बाद राज्य सरकार द्वारा बचाव कार्य में तेजी आई। उनका कहना था कि सरकार हर पीडि़त तक पहुंचेगी और हरसंभव साधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
कांग्रेस नेता को सहना पड़ा विरोध: कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा। बुधवार सुबह श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचने पर उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। लोग वक्त रहते पीडि़तों तक न पहुंचने की वजह से नाराज थे।
अब तक 90000 लोगों को बचाया गया: सेना और एनडीआरएफ के लोगों ने अब तक 90000 लोगों को बचा लिया है। जम्मू कटरा रेल सेवा और श्रीनगर लेह सड़क मार्ग मंगलवार को शुरू कर दिया गया, लेकिन बिजली और कम्युनिकेशन की परेशानी बनी हुई है। बाढ़ से निपटने के लिए अन्य राज्यों से मदद का सिलसिला शुरू हो गया है। सेना की 215 टुकडिय़ां राज्य भर में बाढ़ पीडि़तों को बचा रही हैं। सेना व एयरफोर्स ने 61 हेलिकॉप्टर और 70 नावें लोगों को बचान के लिए लागई हैं। केंद्र ने राज्य सरकार से बचाए गए लोगों के नाम वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा है। सेना का कहना है कि कम से कम 250 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात सामान्य होने के बाद सही आंकड़ा पता चल सकेगा।