Monday, September 22

लोकपाल चुनने के लिए कमेटी को मिली ज्यादा आजादी

1158539_634496722096835000-1नईदिल्ली। केंद्र सरकार ने लोकपाल सर्च कमेटी के लिए नए नियमों को अधिसूचित कर दिया है। नए नियमों के मुताबिक भ्रष्टाचार निरोधक संस्था लोकपाल के चेयरमैन और सदस्यों के नामों की सिफारिश के लिए सर्च कमिटी के पास कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से सुझाए गए नामों से इतर लोगों को चुनने की अब ज्यादा आजादी होगी। यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए पुराने नियम के मुताबिक सर्च कमिटी के लिए यह अनिवार्य था कि वह प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कमिटी के विचार के लिए तैयार चेयरमैन और सदस्यों के नामों का पैनल डीओपीटी की ओर दी गई लिस्ट के नामों से तैयार करे। नए नियम में सरकार ने डीओपीटी की ओर से सुझाए गए नामों को पैनल में लिए जाने की सर्च कमिटी की बाध्यता को खत्म कर दिया है।
नामों की करनी होगी सिफारिश
नए नियम के मुताबिक सर्च कमिटी खाली सदस्यों की संख्या के मुकाबले तिगुने नामों की सिफारिश करेगी। हालांकि लोकपाल के चेयरमैन के लिए सर्च कमिटी को कम-से-कम पांच नामों का पैनल भेजना होगा। नियमों में बदलाव की अधिसूचना अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के नेतृत्व में बनाई गई कमिटी की सिफारिशों के आधार पर की गई है।

सर्च कमेटी के सदस्यों की संख्या घटी

इकसे अलावा सरकार ने सर्च कमेटी के सदस्यों की संख्या भी घटा दी है। अब सर्च कमेटी 8 के मुकाबले कम से कम सात ऐसे सदस्य होंगे, जिनके पास भ्रष्टाचार के विरोध, लोक प्रशासन और विजिलेंस के मामले में विशेषज्ञता हो। पुराने नियम के मुताबिक 8 लोगों वाले सर्च पैनल को लोकपाल के लिए सिदस्यों की लिस्ट तैयार करने का जिम्मा दिया जाना था।
समय सीमा की बाध्यता खत्म
सरकार ने सर्च कमिटी को 30 दिनों की मोहलत वाली बात को भी खत्म कर दिया है। पहले के प्रवाधान में कहा गया था कि डीओपीटी से लिस्ट मिलने के 30 दिन के भीतर सर्च कमिटी को लोकपाल के चेयरमैन और सदस्यों के संभावित नामों की लिस्ट सिलेक्शन कमिटी के पास भेजनी होगी। अब सर्च कमिटी लिस्ट कितने दिनों में भेजगी इसका फैसला सिलेक्शन कमिटी पर छोड़ दिया गया है।