नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि इंटरनेट पर अश्लील सामग्री पर नियंत्रण के लिए कानून, तकनीक और प्रशासन को मिलकर काम कना होगा। भारत में लंबे समय से इस बात पर बहस चल रही है। कि पोर्न सामग्री पर बैन लगना चाहिए या नहीं। चाइल्ड पोनरेग्राफी से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्र सरकार को सख्ती से कदम उठाने को कहा है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि पिछले अठारह माह के दौरान केेंद्र सरकार के नकारात्मक रूख के चलते एक भी पोर्न साइट को बंद नहीं किया है। इसके जवाब में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि करीब चार करोड़ पोर्न वेबसाइट फिलहाल चल रही हैं। सरकार एक को बंद करती है, तभी कई दूसरी नई वेबसाइट उसकी जगह खुल जाती है। कोर्ट में केंद्र की ओर से कहा गया कि इन सभी परेशानियों के बाद भी सरकार इस तरह की वेबसाइटस को बंद करने पर काम कर रही है। खासतौर पर वह वेब साइट जो चाइल्ड पोर्नग्राफी से जुड़ी है।