Tuesday, September 23

उत्तराखंड बाढ़ में अनाथ हुई 10 साल की बच्ची से रेप 13 महीने तक भटकती रही

2768_dhanbad-girlनईदिल्ली। उत्तराखंड में पिछले साल जून में आई बाढ़ में अनाथ होने के बाद 13 महीने से भटक रही 10 साल की बच्ची के साथ रेप का मामला सामने आया है। रेप के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। टिहरी में 10 साल की पीडि़त बालिका के साथ रेप की बात तब सामने आई जब उसे देहरादून में बाल निकेतन भेजे जाने की तैयारी की जा रही थी। बाल निकेतन जाने से पहले उसका मेडिकल कराया गया। मेडिकल में ही रेप की बात सामने आई। पीडि़त बच्ची ने बताया कि दो-तीन दिन पहले इलाके के ही एक कबाड़ी मनीराम ने उसके साथ दुराचार किया। उत्तराखंड में आई आपदा के लगभग 13 महीने बाद अपने घर-परिवार का पता देने वाली बच्ची के बारे में पुलिस को मंगलवार को खबर लगी। मंगलवार को चंबा में घूमते हुए उसे कुछ लोगों ने देखा और उसे पुलिस को सौंप दिया।
एक साल तक मेरठ और हरिद्वारा में भटकती रही
पीडि़त बच्ची ने अपनी आपबीती सुनाई। उसने कहा कि उसके पिता खच्चर चलाने के साथ ही खेती का काम भी करते थे। आपदा के दिन वह खच्चर के साथ जंगल गई थी। घर लौटी तो देखा मकान ढह गया। मां-बाप, दादा-दादी, भाई-बहन कोई नहीं थे। वह बताती है कि गांव के नजदीक एक छोटा-सा मंदिर भी था। जहां वे रहते थे, वहां बर्फ भी गिरती थी। उसने अपने भाई-बहन के बारे में भी बताया। उसे हेलीकॉप्टर से सुरक्षित निकालाय गया था। वह एक साल तक मेरठ और हरिद्वार में भटकती रही।
उत्तराखंड में पिछले साल 16 जून को केदारनाथ के नजदीक के पहाड़ों से बड़ी मात्रा में पानी कीचड़ और पत्थर के साथ केदारघाटी में उत्तरा और रास्ते में तबाही मचाता हुआ आगे बढ़ता चला गया। इस हादसे में हजारों लोग मारे गए। केदारनाथ मंदिर के द्वार कई लोगों की लाशें बरामद की गईं। केदारनाथ मंदिर के भीतर भी बाढ़ का पानी भर गया था। कई शव मंदिर के अंदर से बरामद किए गए। उत्तराखंड में आई बाढ़ के कई हफ्तों बाद तक जहां-तहां शव बिखरे पड़े रहे। उत्तराखंड बाढ की चपेट में आने से कई लोगों के शव मलबे में दबे पाए गए। उत्तराखंड बाढ़ के शिकार कई लोगों के सड़े-गले शव इस साल की गर्मियों तक बिखरे बड़े रहे। उत्तराखंड में जून 2013 में आई बाढ़ के बाद इस साल तक कई शव सड़ी गली हालत में मिलते रहे। उत्तराखंड में जून 2013 में प्रसिद्ध तीर्थस्थल केदारनाथ बाढ़ की तबाही का गवाह बना। उत्तराखंड में आई बाढ़ के दौरान नदियों के उफनते पानी ने रास्ते में पडऩे वाली सड़कों, मकानों को तबाह कर दिया। पिछले साल जून में आई बाढ़ के दौरान नदियों के उफनते पानी ने पुलों को भी नुकसान पहुंचाया। कई जगहों पर पानी पुल के ऊपर भी बहते हुए देखा गया था।