दुनियाभर के तमाम विकासशील देशों में लड़कियों की जिंदगी बहुत मुश्किल है। बुनियादी अधिकार देना तो दूर की बात, उनसे अपना बचपन जीने का अधिकार भी छीन लिया जाता है। उन्हें जबरन बाल विवाह के बंधन में बांध दिया जाता है। इनमें से कुछ की उम्र तो पांच साल तक होती है। बाल विवाह का शिकार लड़के भी हैं, लेकिन ऐसी लड़कियों की संख्या कहीं ज्यादा है। माता-पिता कछी अपना कर्ज दूर करने के लिए मोटी रकम की लालच और कभी परंपराओं के नाम पर इनकी शादी करा देते हैं, जहां कई बार अपने से दोगुने उम्र के पति के साथ इन्हें दुव्र्यवहार का शिकार होना पड़ता है।
यूनिसेफ के ताजा आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन दशकों में ऐसे मामलों में कमी आई है। हालांकि, दुनियाभर में अब भी 70 करोड़ महिलाएं ऐसी हैं, जिनका बाल विवाह हुआ था। इनमें हर तीन में से एक यानी 25 करोड़ ऐसी हैं, जिनकी शादी 15 साल से भी कम उम्र में हुई थी। इसका बुरा असर उनकी जिंदगी के साथ-साथ उनके होने वाले बच्चों पर भी दिखता है। इसके साथ ही इनके यौन शोषण का शिकार होने की संभावना भी बाकी महिलाओं के मुकाबले ज्यादा होती है। कम उम्र में शादी का दर्द झेलने वाली लड़कियों के भविष्य में मानसिक बीमारियों, जैसे अवसाद और तनाव में जोने की संभावना 41 फीसदी बढ़ जाती है। प्रसव के दौरान 20 से ज्यादा उम्र की महिला की तुलना में इन्हें मौत का खतरा पांच गुना ज्यादा होता है। हालांकि, बावजूद इसके दक्षिण-पूर्वी एशिया, मध्यपूर्व के देशों और कुछ अफ्रीकी देशों में इसका चलन अब भी जारी है। कुछ जगहों पर शादी के लिए बनाए गए नियम-कायदों को ताक पर रखकर चोरी छिपे ऐसी शादियों को अंजाम दिया जा रहा है।
बांग्लादेश में बाल विवाह के मामले सेबसे ज्यादा है। यहां सिर्फ 29.3 फीसदी महिलाएं ही शिक्षित हैं। आज करीब 15 करोड़ पुरूषों की तुलना में 70 करोड़ महिलाएं ऐसी हैं, जिनका बाल विवाह हुआ था। नेपाल के एक गांव की 16 वर्षीय सुरीला शादी के बाद अपना घर छोडऩे को तैयार नहीं। नेपाल के गांवों में जल्दी शादी करने की परंपरा रही है। 6 वर्षीय तहानी की शादी 25 वर्षीय पति मजीद के साथ हुई थी। ये तस्वीर यमन के हज्जाह की है, जिसे लेकर फोटोग्राफर स्टेफेनी लिखते है कि जब भी वो इन तस्वीरों को देखते हैं, तो उन्हें बहुत नफरत होती है। वर्ष 2010 में अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि 47 फीसदी महिलाओं की मौत कम उम्र में प्रसव के चलते होती है। हर दो घंटे में एक अफगानी महिला की मौत होती है। आंकड़े बताते हैं कि दुनियाभर में हर दिन 39000 लड़कियां बाल विवाह की भेंट चढ़ती हैं।