Thursday, October 23

राफेल मामले से जुडी सभी याचिका ख़ारिज की जाए

नईदिल्ली | लोकसभा चुनाव के दौरान बिपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर राफेल मामले घेरने की कोशिश की जिसका नतीजा बिपक्ष को भुगतना पड़ा तो वही दूसरी और आज केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की हैं जिसमे सरकार ने कहा हैं की किसी भी हस्तक्षेप से भारतीय वायु सेना की कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ सकता है. राफेल डील में हस्तक्षेप करने और करार की जांच कराने का बेजा प्रयास किया जा रहा है. अदालत को पहले भी फैसले में कोई त्रुटि नहीं मिली थी. कैग की रिपोर्ट ने भी सरकार के कदम को सही ठहराया है. लिहाजा, याचिकाएं खारिज की जाएं.’ इसके अलावा केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को इस डील में प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल वाले आरोप पर भी जवाब दिया. सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस रक्षा सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से कोई समानांतर बातचीत नहीं की गई है. ज्ञात हो कि फ्रांस की दसॉ कंपनी से भारतीय वायुसेना के लिए राफेल लड़ाकू विमान खरीद रही हैं. ये डील कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में हुई थी. लेकिन राहुल गांधी लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि उनकी पार्टी की सरकार के दौरान विमान की जो डील हुई थी, उससे करीब तीन गुना कीमत में मोदी सरकार के दौरान राफेल खरीदा जा रहा है. राहुल ये भी आरोप लगाते हैं कि विमान बनाने की कॉन्ट्रैक्ट HAL कंपनी की बजाय उद्योगपति अनिल अंबानी की नवगठित कंपनी को देकर उन्हें 30000 करोड़ का फायदा पहुंचाया गया. इन्हीं तमाम आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट से एक बार मोदी सरकार को राहत मिल चुकी है, लेकिन फिलहाल पुनर्विचार याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है और इन्हीं पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने की मांग केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी है.