Wednesday, September 24

गंगा सफाई अभियान शुरू हाईकेट सेंसर रखेंगे नजर

12नईदिल्ली। मोदी सरकार ने गंगा की सफाई के लिए हाईटेक सेंसरों के जरिए इस योजना पर काम करने की तैयारियां की हैं। इसके तहत आने वाले 6 महीनों में गंगा समेत 700 प्वाइंट्स पर सेंसर लगाए जाएंगे। 2510 किलोमीटर लंबी गंगा को साफ करने में जुटी सरकार का इस दिशा में यह पहला चरण होगा। ये सेंसर कारखानों के कचरे और प्रदूषकों को अपने आप नापेगा। और गंगा में पहुंचने वाले प्रदूषकों के बारे में रियल टाइम डेटा आपडेट करेगा। ये रियल टाइम आंकड़े एक सर्वर पर पहुंंचेंगे। और इन आंकड़ों का एक तय पैमाने से अधिक होने पर खुद-ब-खुद अलर्ट जारी हो जाएगा।
गैरकानूनी कारखाने भी वजह गंगा भारत की सबसे लंबी नदी है और हिंदुओं की आस्था मानी जाती है। इसके अलावा गंगा से प्रभावित और आश्रित रहने वाली जनसंख्या का आंकड़ा भी बहुत अधिक है। लेकिन फिलहाल स्थिति यह है कि लगभग 181 कस्बों से निकलने वाला सीवेज में से केवल 11 बिलियन लीटर यानी सिर्फ 45 प्रतिशत कचरे को ही साफ किया जा सका है। इस मामले में कानपुर शहर पर भी ध्यान दिया गया। क्योंकि कानपुर वह हिस्सा है जो उत्तरी गंगा को सबसे अधिक प्रदूषित करता है। यहां लगभग 37 से ज्यादा तो सिर्फ चमड़ा साफ करने वाले कारखाने ही हैं। जिनमें से केवल 20 ही लीगल हैं। इसके अलावा सरकार ने तैयारी की है कि आने वाले वक्त में लोगों की फैलाई जा रही गंदगी पर ही रोक लगाई जाएगी। इस मामले में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इंडस्ट्रियल और इंसानों की गंदगी को निपटाने के लिए सख्ती से कदम उठाए जाएंगे।