Tuesday, September 23

इतिहास की गाथा

हिंदू-मुस्लिम के बाद जैन समाज का भोजशाला पर दावा, खुदाई में निकली मूर्तियां उनके देवी-देवताओं की, कोर्ट में याचिका मंजूर
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हिंदू-मुस्लिम के बाद जैन समाज का भोजशाला पर दावा, खुदाई में निकली मूर्तियां उनके देवी-देवताओं की, कोर्ट में याचिका मंजूर

जैन समाज की ओर से हाईकोर्ट में पेश याचिका के अनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सर्वे के दौरान भोजशाला में जो मूर्तियां निकलीं, उनमें जैन समाज के देवी-देवताओं और उनके तीर्थंकर की भी मूर्तियां हैं। समाज की ओर से भोजशाला परिसर को जैन गुरुकुल होने का दावा किया गया है। मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित ऐतिहासिक भोजशाला वर्सेज कमाल मौला मस्जिद में हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों के अपने अपने धार्मिक स्थल होने के दावों के बीच अब हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले जैन समाज ने अपना विशेष स्थल होने का दावा पेश कर दिया है। इसे लेकर विश्व जैन संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सलेक चंद जैन ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में जैन पक्ष की ओर से याचिका दायर कर दी है। कोर्ट में पेश की गई याचिका के अनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सर्वे के दौरान भोजशाला में जो मूर्तियां निकलीं, उनमें जैन समाज के दे...
उत्तरी हिस्से की खुदाई में निकलीं 3 बड़ी आकृतियां, सर्वे टीम ने बनाया गर्भगृह का ड्राइंग
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उत्तरी हिस्से की खुदाई में निकलीं 3 बड़ी आकृतियां, सर्वे टीम ने बनाया गर्भगृह का ड्राइंग

मध्य प्रदेश के धार जिले ( dhar district ) में स्थित ऐतिहासिक भोजशाला ( bhojshala ) वर्सेज कमाल मौला मस्जिद ( kamal maula masjid ) परिसर में जारी पुरातत्व विभाग ( Department of Archaeology ) की एएसआई टीम के सर्वे कार्य ( ASI survey ) का बुधवार को 76वां दिन गुजरा। उत्तरी, दक्षिणी और पश्चिमी हिस्से में टीम ने श्रमिकों के साथ मिलकर उत्खनन किया। इस दौरान उत्तरी हिस्से में मिट्टी हटाने के दौरान तीन बड़ी आकृतियों के अवशेष ( remains ) निकले हैं। प्राचीन महत्व ( Ancient significance ) के होने के कारण टीम ने इन्हें सर्वे में शामिल किया है। वहीं, भोजशाला के भीतर गर्भगृह में भी टीम ने सर्वे किया। भोजशाला में दिनभर वैज्ञानिक स्तर पर सर्वे कार्य चलाया गया। इस दौरान उत्तरी भाग में खुदाई के दौरान 3 बड़ी आकृतियों के अवशेष मिले हैं। बताया जा रहा है कि, ये बड़े आकार के पत्थर हैं। इन पर अलग-अलग तरह की आकृत...
2000 साल पुरानी कब्रों से मिले बेशुमार गहने और हथियार, गांव में मचा हड़कंप
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2000 साल पुरानी कब्रों से मिले बेशुमार गहने और हथियार, गांव में मचा हड़कंप

दक्षिण कजाकिस्तान के तुर्किस्तान (Turkestan) में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर 2 हजार साल पुरानी कब्रों से ढेरों गहने और हथियार मिले हैं। ये खबर गांव में आग की तरह फैल गई। बस फिर क्या था…हर कोई ये गहने और हथियार देखने के लिए उतावला होने लगा। पुरातत्वविदों को लगभग 2,000 साल पुरानी कब्रों से सोने के गहने (Gold Jewellery) , तीर की नोक और एक बड़ा कांस्य (Bronze) का आइना मिला है। यह कलाकृतियां ईसा पूर्व पांचवीं शताब्दी और ईस्वी चौथी शताब्दी के दौरान इस क्षेत्र में शासन करने वाले कंगजू राज्य के समय की मानी जा रही है। तुर्किस्तान के ऑरदाबासिंस्की जिले में मिली कब्रें कजाकिस्तान के ओजबेक्ली झानीबेकोव यूनिवर्सिटी और स्थानीय सरकारी पुरातत्वविदों की एक टीम को यह चीजें तुर्किस्तान के ऑरदाबासिंस्की जिले में एक कब्र से मिली है। कांस्य युग की बेहतरीन कलाकारी क्षेत्रीय सरकार के अ...
35 लोगों की मौत के कारण रुकी थी शादी, अब साढ़े सोलह महीने बाद बजी शहनाई
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35 लोगों की मौत के कारण रुकी थी शादी, अब साढ़े सोलह महीने बाद बजी शहनाई

जोधपुर जिले के शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भूंगरा गैस त्रासदी के 16 माह 15 दिन बाद जख्मों पर मरहम लगा है। गैस त्रासदी में काल का ग्रास बने सगत सिंह के घर में पुत्र सुरेंद्र सिंह की शादी की शहनाई बजने से पूरे गांव में खुशी आ गई है। गौरतलब है कि 8 दिसंबर, 2022 को भूगरा गांव निवासी सगत सिंह के घर उनके पुत्र सुरेंद्र सिंह की शादी समारोह था। दूल्हा सुरेंद्र सिंह की बारात रवाना होने की तैयारी चल रही थी। परिवार के सदस्यों सहित गांव से आए मेहमानों एवं ग्रामीणों में जश्न का माहौल था। सगत सिंह के आंगन में दूल्हा बने सुरेंद्र सिंह की बारात रवाना होने से पहले नेतरा की रस्म चल रही थी। पास में शहनाइयों बज रही थी। अचानक घर के आंगन में रखे गैस सिलेंडर में गैस रिसाव होने से एक धमाके के साथ पूरे घर को गैस त्रासदी ने घेर लिया। लोग कुछ समझ पाए तब तक पूरे घर में आग लग गई। खुशियों का माहौल मात...
लॉकडाउन और कोरोना का मंजर याद कर आज भी भर आती हैं आंखें
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लॉकडाउन और कोरोना का मंजर याद कर आज भी भर आती हैं आंखें

कोरोना का डर आज लगभग खत्म हो गया है, लेकिन आज से ठीक चार साल पहले स्थिति बिल्कुल अलग थी। 24 मार्च 2020 में कोरोना पर काबू पाने के लिए पहला देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था। इस दौरान आम नागरिक तो अपने घरों में कैद हो गए लेकिन डॉक्टर, नर्स, पुलिस, प्रशासन, नगर निगम आदि के फ्रंटलाइन वर्कर्स पूरे समय मैदान में डंटे रहे। इससे न केवल लोग सुरक्षित रहे बल्कि इन वर्कर्स की जिंदगी में भी बदलाव आए। सिर्फ खाना खाने के लिए जाते थे घर कोरोना संक्रमण काल के दौरान प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों की सहायता की। सिर्फ खाना खाने के लिए घर जाते थे। दफ्तर में ही कई दिन और रात गुजरीं। इस दौरान बहुत कठिन समय निकाला। घर वाले तनाव में रहते थे कि कहीं कुछ हो न जाए लेकिन कर्तव्य पथ पर हमेशा चलते रहे। -पंकज खरे, फायर सेफ्टी अधिकारी, भोपाल आईसीयू में 12 घंटे तक करते थे ड्यूटी बेटी छोटी थी इसलिए परिवार...
भोजशाला में सर्वे का तीसरा दिन, ASI जांच के बीच मुस्लिम पक्ष ने रख दी बड़ी डिमांड
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भोजशाला में सर्वे का तीसरा दिन, ASI जांच के बीच मुस्लिम पक्ष ने रख दी बड़ी डिमांड

मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला वर्सेज कमाल मौला मस्जिद में आज आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम द्वारा शुरु किए गए सर्वेक्षण का तीसरा दिन है। पुरातत्व विभाग की टीम रविवार सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर अपने साथ तकनीकी उपकरण लेकर जांच क्षेत्र पहुंची। इस दौरान उनके साथ याचिकाकर्ता आशीष गोयल, भोजशाला मुक्ति संगठन के संयोजक गोपाल शर्मा और मुस्लिम पक्ष से अब्दुल समद मौजूद रहे। इस दौरान जांच शुरु किए जाने से पहले मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा है कि पहले दिन के सर्वे को शून्य घोषित करने के लिए ASI को मेल किया है। कई आपत्तियां समाज की ओर से ASI को मेल की है और मौखिक तौर पर भी बताई हैं। मैं डायरी पेन लेकर आया था। आपत्तियां लिखित में देना चाहता था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसलिए उन्होंने आपत्तियों को मेल के माध्यम से भेजा गया है। आपत्ती ये है क...
“मैं असम नहीं,यूपी का मूल निवासी”, मुख्यमंत्री हिमंत बिश्वा शर्मा ने किया खुलासा, जानिए कहां से है शर्मा का कनेक्शन
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“मैं असम नहीं,यूपी का मूल निवासी”, मुख्यमंत्री हिमंत बिश्वा शर्मा ने किया खुलासा, जानिए कहां से है शर्मा का कनेक्शन

भाजपा के फायरब्रांड नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने अपनी मूल पहचान को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने असम की विधानसभा में अपना बात रखते हुए कहा कि वह असम के नागरिक हैं लेकिन मूल निवासी खिलंजिया नहीं हैं। उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज उत्तर प्रदेश के कन्नौज से जाकर वहां बसे हैं। हिमंत असम में जमीन का पट्टा देने में भेदभाव के आरोप पर बोल रहे थे। विपक्ष एक खास समुदाय के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा रहा था। आरोप था कि कागज पूरे होने के बाद भी समुदाय को पट्टा नहीं दिया जा रहा है। वसुंधरा योजना में जमीन असम सरकार वसुंधरा योजना के तहत असम के मूल निवासियों को जमीन का पट्टा दे रही है। इसे लेकर ही विपक्ष हमलावर है। मुख्यमंत्री सरमा ने आरोप का जवाब देते हुए कहा कि इस योजना का लाभ सिर्फ असम के मूल निवासियों को मिलेगा। जिनके पूर्वज हजारों सालों से असम में रह रहे हैं। खिलंजिया वही...
ज्ञानवापी में आधी रात को हिंदू पक्ष ने जलाया दीप, 31 साल बाद व्यासजी तहखाने में हुई पूजा-आरती
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ज्ञानवापी में आधी रात को हिंदू पक्ष ने जलाया दीप, 31 साल बाद व्यासजी तहखाने में हुई पूजा-आरती

वाराणसी के ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में व्यास जी के तहखाने में देर रात हिंदू पक्ष ने पूजा की। यह पूजा कोर्ट के आर्डर के बाद कमिश्नर कौशल राज शर्मा, मंदिर प्रशासन के पूर्व और वर्तमान CEO के मौजूदगी में की गई। इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि 7 दिन के अंदर ज्ञानवापी परिसर में पूजा कराने की व्यवस्था की जाए। आधी रात को हुई पूजा दरअसल, 31 जनवरी को वाराणसी जिला जज की कोर्ट का शाम 3 बजे फैसला आया। फैसले के कुछ घंटों बाद ही पूजा के सारे इंतजाम किए गए। इस दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा और रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ ने का पूजा कराने में अहम योगदान रहा। करीब 12 बजे के बाद परिसर में विधि विधान से पूजा संपन्न हुई। इसके बाद वहां मौजूद लोगों को चरणामृत और प्रसाद भी दिया गया। 31 साल बाद जले दीप ज्ञानवापी परिसर ...
AN-32 विमान का हवा में हो गया था दो टुकड़ा, 8 साल बाद समंदर में मलबा हुआ बरामद
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AN-32 विमान का हवा में हो गया था दो टुकड़ा, 8 साल बाद समंदर में मलबा हुआ बरामद

भारतीय वायु सेना का लापता AN-32 यातायात विमान मिल गया है। चेन्नई के तांबरम हवाईअडडे से पोर्ट ब्लेयर जाते समय यह विमान बंगाल की खाड़ी में रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया था। इस विमान ने 22 जुलाई 2016 को सुबह आठ बजे IAF एंटोनोव AN-32 ने चेन्नई के तांबरम के वायुसेना स्टेशन से उड़ान भरी थी। अब आठ साल बाद इसका मलबा मिला है। इस विमान में 12 वायुसैनिक, एक नौसैनिक, एक थल सैनिक और कोस्टगार्ड का एक जवान, आठ नागरिक सहित छह क्रू मेंबर कुल 29 शामिल थे। एयूवी से खोजा मलबा इस विमान की खोज आठ साल से लगातार जारी थी। विमान का पता लगाने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान भी लगा था। इस संस्थान ने एक स्वायत्त पानी के नीचे के वाहन AUV का उपयोग करके इस विमान को खोज निकाला। यह 3400 मीटर नीचे पड़ा हुआ था। इस तकनीक का हुआ प्रयोग संस्थान ने मल्टी-बीम सोनार,...
बिलकिस बानो गैंगरेप में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जेल में ही रहेंगे 11 आरोपी गुजरात सरकार को झटका
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बिलकिस बानो गैंगरेप में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जेल में ही रहेंगे 11 आरोपी गुजरात सरकार को झटका

बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म और परिवार के 7 लोगों की हत्या के केस में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 11 दोषियों सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया। बता दें कि पिछले साल गुजरात सरकार ने आरोपियों को सजा में छूट देते हुए जेल से रिहा कर दिया गया था। इसके बाद बिलकिस बानो ने सुप्री कोर्ट का रुख अपनाया था। बता दें कि न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने 11 दिन की सुनवाई के बाद दोषियों की सजा में छूट को चुनौती देने संबंधी याचिकाओं पर पिछले साल 12 अक्टूबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। क्या है मामला? तीन मार्च 2002 में गोधरा दंगों के दौरान गुजरात मेंदाहोद जिले के रंधिकपुर गांव में बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप किया गया था। उस समय पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो 21 साल की थी। दंगाइयों ने ब...