MP के इतिहास में सबसे सस्ती बिजली:550 मेगावाट सोलर परियोजना की दो यूनिटों के लिए दो कंपनियाें का सिलेक्शन; 2.45 रुपए प्रति यूनिट पड़ेगी बिजली
सोलर से भी अब सस्ती बिजली बनेगी। रीवा के बाद आगर में प्रस्तावित 550 मेगावाट सोलर परियोजना के लिए 12 कंपनियों में दो को चयनित किया गया है। 275-275 की दोनों यूनिटों के लिए दो कंपनियों में 2.44 और 2.45 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध कराने का ऑफर दिया है। ये सबसे सस्ती दर है। रीवा में सोलर से पैदा हो रही बिजली 2.97 रुपए प्रति यूनिट पड़ रही है।
मप्र में अभी बिजली के लिए जल विद्युत परियोजना, कोयला आधारित पावर प्लांट पर ही अधिक निर्भर रहना पड़ता था। पवन और सोलर एनर्जी की नाममात्र भागीदारी थी, लेकिन इसकी बिजली महंगी पड़ती थी। पावर मैनेजमेंट अभी जो बिजली खरीदता है, उसमें सबसे सस्ती बिजली जल विद्युत वाली इकाइयों से मिलती है। उसमें भी मुश्किल ये है कि बांधों को सिंचाई और पेयजल के लिए अधिक इस्तेमाल के चलते बिजली इकाइयों को अमूमन साल में तीन से चार महीने ही चला पाते हैं। सोलर के रूप में अब त...










