
कोरोना के कारण स्कूल संचालकों पर आर्थिक संकट आया है। वहीं सरकार के नियमों की वजह से भी परेशानी आ रही है। इस संबंध में निजी स्कूलों के संचालकों ने सोमवार को प्रेस क्लब में अपनी बात रखी। स्कूल संचालकों ने बताया कि मंगलवार को वे अपनी मांगों को लेकर कलेक्टोरेट में प्रदर्शन करेंगे और डीईओ को स्कूलों की चाबी सौंपेंगे। संचालकों का कहना है कि पिछले कई साल से स्कूलों को आरटीई प्रतिपूर्ति की राशि नहीं मिली है।
कोरोना के कारण हमारी आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है। ऐसे में आरटीई राशि जल्द से जल्द दी जाए। साथ ही चेतावनी दी कि यदि मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। उन्होंने इस दौरान सांकेतिक रूप से सोमवार को एक दिन के लिए ऑनलाइन पढ़ाई को भी बंद रखा। प्रेस वार्ता में मग धम स्कूल के संचालक सौमिल पलोड़, ट्रिनिटी कांवेंट स्कूल की प्राचार्या सिस्टर मारिया, मानसिंह राजपूत आदि मौजूद रहे।
यह है मांगें
- आरटीई फीस प्रतिपूर्ति की राशि संस्था के खाते में जमा की जाए।
- पहली से 8वीं तक जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा और कक्षा नवमी से 12वीं तक लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा बिना निरीक्षण परीक्षण के नवीनीकरण मान्यताएं 5 साल के लिए शीघ्र जारी की जाए।
- लॉकडाउन में बंद पड़े स्कूलों से लिए जाने वाले बिजली बिल, संपत्ति टैक्स, कचरा प्रबंधन शुल्क को पूरी तरह से 2 साल के लिए माफ किया जाए।
- विद्यालय संचालन के लिए संचालकों के द्वारा लिए गए बैंक लोन के किश्त की राशि विद्यालय खुलने तक नहीं लिए जाने के लिए सरकार बैंकों को निर्देश जारी करे।