Saturday, October 18

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किसान आज फिर सरकार से बात करेंगे:कृषि कानून लागू करने का फैसला राज्यों पर छोड़ने का प्रपोजल रख सकती है सरकार
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किसान आज फिर सरकार से बात करेंगे:कृषि कानून लागू करने का फैसला राज्यों पर छोड़ने का प्रपोजल रख सकती है सरकार

किसान आंदोलन का आज 44वां दिन है। आज किसानों की सरकार के साथ 9वें दौर की मीटिंग होगी। इस बार भी किसानों का स्टैंड साफ है। उनका कहना है कि तीनों कृषि कानून रद्द हों और MSP पर अलग कानून बने। इससे पहले गुरुवार को किसानों ने दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर मार्च निकालकर ताकत दिखाई। राज्यों पर छोड़ा जा सकता है कानून लागू करने का फैसला कृषि कानूनों को लागू करने का फैसला केंद्र अब राज्य सरकारों पर छोड़ सकता है। डेरा नानकसर के मुखी बाबा लक्खा सिंह ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से गुरुवार को एक मीडिएटर (मध्यस्थ) के तौर पर मुलाकात की।सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने बाबा लक्खा सिंह को बताया कि सरकार अब एक प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसमें राज्य सरकारों को कृषि कानून लागू करने या न करने की छूट दी जाएगी।चर्चा है कि आज की बैठक में केंद्र सरकार किसानों के सामने इस प्रस्ताव का खुलासा कर सकती है।...
किसान आंदोलन का 43वां दिन LIVE:किसान दिल्ली के चारों ओर ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे, 60 हजार ट्रैक्टर शामिल होने का दावा
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किसान आंदोलन का 43वां दिन LIVE:किसान दिल्ली के चारों ओर ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे, 60 हजार ट्रैक्टर शामिल होने का दावा

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का आज 43वां दिन है। किसान आज दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं। उनका दावा है कि इस मार्च में 60 हजार ट्रैक्टर शामिल हैं। यह मार्च सिंघु बॉर्डर से टिकरी, टिकरी से शाहजहांपुर, गाजीपुर से पलवल और पलवल से गाजीपुर तक निकाला जा रहा है। 26 जनवरी को किसान परेड की तैयारी किसानों का कहना है कि सरकार ने मांगी नहीं मानीं तो 26 जनवरी को भी ट्रैक्टर परेड होगी। आज का मार्च उसी का ट्रेलर है। हरियाणा के किसान संगठनों ने हर गांव से 10 महिलाओं को 26 जनवरी के लिए दिल्ली बुलाया है।यही अपील UP के किसानों ने की है। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च की अगुआई महिलाएं ही करेंगी। हरियाणा की करीब 250 महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं। किसानों की सरकार से कल बातचीतकिसानों और सरकार के बीच 4 जनवरी की मीटिंग बेनतीजा रही और अगली तारीख 8 जनवरी तय हुई। अगली मीटि...
किसान आंदोलन का 42वां दिन:किसान बोले- 7 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे, यह 26 जनवरी की परेड का ट्रायल होगा
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किसान आंदोलन का 42वां दिन:किसान बोले- 7 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे, यह 26 जनवरी की परेड का ट्रायल होगा

किसान आंदोलन का बुधवार को 42वां दिन है। खराब मौसम की वजह से किसानों ने 6 जनवरी की बजाय 7 जनवरी को दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा यह मार्च 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड का ट्रायल होगा। 250 महिलाएं करेंगी 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड का नेतृत्वसिंघु बॉर्डर पर किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने कृषि कानून वापस नहीं लिए तो वे दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड करेंगे। परेड का नेतृत्व पंजाब और हरियाणा की महिलाएं करेंगी। वे किस तरह रैली को अंजाम देंगी, ये भी सोच लिया है। हरियाणा की करीब 250 महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं। किसानों की सरकार से 8 जनवरी को बातचीतकिसानों और सरकार के बीच 4 जनवरी की मीटिंग बेनतीजा रही और अगली तारीख 8 जनवरी तय हुई। अगली मीटिंग में कृषि कानूनों को वापस लेने और MSP पर अलग कानून बनाने की मांग पर बात होगी। यह 9...
किसान-सरकार मीटिंग बेनतीजा:बिना होमवर्क पहुंची सरकार ने और वक्त मांगा; किसान बोले- 8 बार चर्चा हो चुकी, कितना समय लेंगे
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किसान-सरकार मीटिंग बेनतीजा:बिना होमवर्क पहुंची सरकार ने और वक्त मांगा; किसान बोले- 8 बार चर्चा हो चुकी, कितना समय लेंगे

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का मंगलवार को 41वां दिन है। सोमवार को किसानों और केंद्र के बीच 8वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूछा कि MSP पर क्या दिक्कतें हैं। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी बोले- सरकार सभी फसलों की MSP की गारंटी दे। कृषि मंत्री ने कहा- हम तैयार हैं, आप पॉइंट बताएं। हमें अपना होम वर्क करना पड़ेगा। इस पर किसान नेता बोले- 8 दौर की चर्चा हो चुकी और कितना समय चाहिए। मीटिंग खत्म होने के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि ताली दोनों हाथ से बजती है। किसान बुधवार को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे4 घंटे चली बैठक में सरकार कानूनों में बदलाव की बात दोहराती रही। किसान कानून वापसी पर अड़े रहे। अगली मीटिंग के लिए 8 जनवरी का दिन तय हुआ है। इससे पहले किसान संगठन 6 जनवरी को कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। वाणिज्य राज्य मंत्र...
किसान आंदोलन का 40वां दिन:सरकार के साथ बैठक से पहले किसान बोले- बात नहीं बनी तो 6 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे
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किसान आंदोलन का 40वां दिन:सरकार के साथ बैठक से पहले किसान बोले- बात नहीं बनी तो 6 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का आज 40वां और अहम दिन है। आज किसानों की सरकार के साथ 8वें राउंड की बातचीत होगी। सरकार को उम्मीद है कि आज आंदोलन खत्म हो सकता है। वहीं किसान संगठनों ने कहा है कि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो प्रदर्शन और तेज किया जाएगा। किसान नेता मनजीत सिंह राय ने कहा कि बातचीत का नतीजा नहीं निकला तो 13 जनवरी को कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर लोहड़ी मनाएंगे। अपडेट्स किसान आंदोलन के समर्थन में पंजाब और हरियाणा में रिलायंस जियो के टावरों में पिछले दिनों काफी तोड़फोड़ हुई थी। ऐसे में रिलायंस ने सोमवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी लगाई। कंपनी ने कहा कि सरकार को तुरंत दखल देकर गुंडागर्दी रोकनी चाहिए।किसान मजदूर संघर्ष समिति, पंजाब के जॉइंट सेक्रेटरी सुखविंदर सिंह ने कहा है कि कृषि कानूनों को वापस लेने और MSP की गारंटी की मांगें पूरी नहीं हुईं तो 6 जनवरी को भी ...
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन:किसानों की सोमवार को सरकार से मीटिंग, MSP और APMC पर लिखित भरोसा मिल सकता है
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कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन:किसानों की सोमवार को सरकार से मीटिंग, MSP और APMC पर लिखित भरोसा मिल सकता है

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 39वां दिन है। सोमवार को किसानों की सरकार के साथ 8वें दौर की मीटिंग होगी। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक इस बार किसानों के बड़े मुद्दों का हल भी निकल सकता है। सरकार समर्थन मूल्य (MSP) और एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) के मुद्दों पर लिखित में भरोसा दे सकती है। इसके साथ ही ऐसी व्यवस्था की जा सकती है कि प्राइवेट कंपनियां मंडियों में MSP से कम भाव पर फसलों की खरीद नहीं कर पाएं। सरकार से मीटिंग फेल हुई तो आगे का रोडमैप तैयारसोमवार को सरकार से होने वाली मीटिंग से पहले किसान दिल्ली की सीमाओं पर शांति से धरना दे रहे हैं। हालांकि, बातचीत सफल नहीं रहने की स्थिति में आगे का रोडमैप भी तैयार कर लिया है। किसान समन्वय समिति ने कहा है कि मांगें नहीं मानी गई तो दिल्ली के चारों ओर लगे मोर्चों से किसान 26 जनवरी को दिल्ली में घुसकर ट्रैक्टर-ट्रॉली...
किसान आंदोलन की ग्राउंड रिपोर्ट:कहानी उस संगठन की जो किसानों के लिए आईटी सेल का काम कर रहा है, जिसने आंदोलन को हाईटेक बनाया
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किसान आंदोलन की ग्राउंड रिपोर्ट:कहानी उस संगठन की जो किसानों के लिए आईटी सेल का काम कर रहा है, जिसने आंदोलन को हाईटेक बनाया

ग्रुप के 150-200 मेंबर्स हर समय टिकरी बॉर्डर पर मौजूद रहते हैं, जो हर नई जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के मुख्य मंच के पास ही एक टेंट लगा हुआ है। टेंट के भीतर चार-पांच युवा बैठे हैं और सभी अपने-अपने मोबाइल पर तेजी से कुछ टाइप कर रहे हैं। पूछने पर मालूम चलता है कि ये लोग असल में किसानों के आईटी सेल का काम कर रहे हैं। मंच से जो भी घोषणाएं हो रही हैं, आंदोलन से जुड़े जो भी नए अपडेट आ रहे हैं, ये लोग उन्हें तेजी से सोशल मीडिया के जरिए एक-एक किसान तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इन युवाओं में कोई इंजीनियरिंग का छात्र है, कोई स्कूल का छात्र है, तो कोई ग्रैजुएशन या पोस्ट-ग्रैजुएशन का छात्र। कुछ ऐसे भी हैं, जो कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं और किसी मल्टी-नैशनल कंपनी में नौकरी कर रहे हैं। सोशल मीडिया का पूरा ऐल्गोरिद्म बारीकी से समझने वाले ये युवा अ...
किसान आंदोलन का 37वां दिन:केंद्र से बातचीत से पहले आज किसानों की अहम बैठक, आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे
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किसान आंदोलन का 37वां दिन:केंद्र से बातचीत से पहले आज किसानों की अहम बैठक, आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे

नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर 37 दिनों से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र सरकार के साथ 4 जनवरी को होने वाली आठवें दौर की बातचीत से पहले शुक्रवार को किसान संगठनों की अहम बैठक होगी। इसमें किसान आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों के अगले एक्शन पर चर्चा के लिए आज एक अहम बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि नए किसान कानूनों को वापस लेने और मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) की लीगल गारंटी से जुड़ी मांगों को वापस लेने का कोई सवाल हीं नहीं उठता। उन्होंने कहा कि सरकार ने पराली और बिजली कानून से जुड़ी हमारी 2 मांगे मान ली हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि हम बची हुई 2 मांगों से पीछे हट जाएंगे। अपडेट्स दिल्ली का चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, आंदोलन को देखते हुए नोएडा और गाजियाबाद से आन...
किसान आंदोलन में अब आगे क्या:अगर किसान संगठनों में आपसी टूट बढ़ी तो सरकार बची हुई दो मांगों पर नहीं झुकेगी
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किसान आंदोलन में अब आगे क्या:अगर किसान संगठनों में आपसी टूट बढ़ी तो सरकार बची हुई दो मांगों पर नहीं झुकेगी

किसानों और सरकार के बीच बुधवार को सातवें दौर की बातचीत में दो मुद्दों पर रजामंदी बन गई। हालांकि, दो बड़े मुद्दों- कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग और मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी MSP पर लीगल गारंटी को लेकर अभी भी रजामंदी नहीं बन पाई है। इस बीच, किसानों का एक बड़ा संगठन भारतीय किसान यूनियन-उग्राहां बाकी यूनियनों से अलग रुख अपनाए हुए है। माना जा रहा है कि अगर किसान संगठनों के बीच टूट बढ़ी तो सरकार बचे हुए दो मुद्दों पर ना झुके। किसान संगठनों में आपसी टूट की खबरें अब सामने आने लगी हैं। जो किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन-उग्राहां अलग रुख अपनाए हुए है, उसका जनाधार काफी ज्यादा है। इसे सबसे बड़े किसान संगठनों में से एक माना जाता है। टिकरी बॉर्डर पर यही संगठन सबसे ज्यादा एक्टिव है। इस संगठन का मंच बाकी के संयुक्त संगठनों से अलग लगा हुआ है। उग्राहां वही संगठन है, जिसकी मांगों में छात्र नेताओं औ...
थोड़ी सरकार झुकी, थोड़ा किसान:35 दिन के आंदोलन और 7 दौर की बातचीत के बाद 2 मुद्दों पर रजामंदी, 4 जनवरी को फिर बातचीत
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थोड़ी सरकार झुकी, थोड़ा किसान:35 दिन के आंदोलन और 7 दौर की बातचीत के बाद 2 मुद्दों पर रजामंदी, 4 जनवरी को फिर बातचीत

गुजराती में कहावत है- जेमना अन्न भेगां, एमना मन भेगां यानी जिसका अन्न एक, उसका मन एक। इसके मायने जानने हों तो बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में जो हुआ, उसे समझ लीजिए। दिल्ली के दरवाजे पर 35 दिन से डेरा डाले किसान यहां सरकार से सातवीं बार बातचीत करने पहुंचे थे। हर बार की तरह अपना खाना साथ लाए थे। इस बार अलग ये हुआ कि सरकार के दो मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल किसानों के लंगर में शामिल हो गए। तीन घंटे बाद बैठक खत्म हुई और दो मुद्दों पर रजामंदी बन गई। अगली बैठक 4 जनवरी को दोपहर 2 बजे से होगी। इस बार सरकार ने किसानों का नमक खायाबुधवार को लंच के दौरान तब बात बनने के आसार दिखे थे, जब किसानों के साथ मंत्रियों ने खाना खाया था। किसान लंगर में बनी दाल-रोटी अपने साथ लाए थे। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने उनके साथ खाना खाया। उनके साथ चाय पर भी बातचीत की। ...