वट सावित्री,की हार्दिक शुभकामनाएँ
वट अमावस्या को वट सावित्री के नाम से भी जाना जाता है। अपने पतियों की लंबी उम्र, सलामती और खुशहाली के लिये उत्तर भारत के कई हिस्सों में विवाहित महिलायें इस व्रत का पालन करती है। सावित्री की कहानी पर आधरित यह दिन मृत्यु के देवता यमराज से अपने पति को वापस लाने की एक पत्नी की दृढ़ की इच्छाशक्ति के बारे में है। यह ज्येष्ठ महीने की त्रयोदशी को शुरू होता है और पूर्णिमा पर खत्म होता है। वट सावित्री सती की कथा के बारे में बताते हुए, एण्ड टीवी के ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं’ में संतोषी मां की भूमिका निभा रहीं, ग्रेसी सिंह ने कहा, ‘‘महान सती के रूप में ख्यात यह दिन सावित्री के अपने पति के प्रति अगाध समर्पण का है। अश्वपति की बेटी को सत्यवान से प्रेम हो जाता है और यह जानते हुए कि उसका जीवनकाल छोटा है फिर भी उससे शादी कर लेती है। शादी के बाद वह हर दिन अपने पति की लंबी आयु के लिये प्रार्थना करना शुरू कर...








