
नईदिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा हैं की ईवीएम और वीवीपैट के मिलान का दायरा बढाया जाये ताकि किसी भी प्रकार की गडवडी न हो सुप्रीम कोर्ट ने कहा की लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वालीं सभी विधानसभाओं के 5 बूथों पर ईवीएम और वीवीपैट का मिलान किया जाए। इससे पहले हर विधानसभा के 1 पोलिंग बूथ पर ही पर्चियों का मिलान होता था। इस व्यवस्था के खिलाफ 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अभी मौजूदा प्रणाली के मुताबिक, विधानसभा चुनाव में एक पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान होता है। वहीं, आम चुनाव में लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों की एक-एक पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान होता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब हर विधानसभा क्षेत्र में एक के बजाय पांच बूथों पर ईवीएम-वीवीपैट का औचक मिलान करना होगा.गौरतलब है कि 21 राजनीतिक दलों के नेताओं ने लगभग 6.75 लाख ईवीएम की वीवीपैट पर्चियों से मिलान की मांग की थी. विपक्षी नेताओं का सुप्रीम कोर्ट में कहना था कि उन्हें 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गिनती से चुनाव नतीजे में देर होने पर आपत्ति नहीं है. 21 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने कहा है कि 50 फीसदी ‘वीवीपैट’ पर्चियों की गिनती किए जाने पर लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा में छह दिनों की देर होने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह कोई ‘गंभीर विलंब’ नहीं है, बशर्ते कि यह चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता सुनिश्चित करती हो.