Wednesday, September 24

पीडि़त युवती के गांव में हिंसा के डर से भागे 60 परिवार

8747_4मेरठ। मेरठ के खरखौदा इलाके के सरवा गांव की 20 साल की युवती के साथ दुष्कर्म, जबरन धर्म परिवर्तन और गर्भाशय से फेलोपियन टयूब निकालने का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद तीन दिन बाद भी गांव में तनाव है। इसे घटना के बाद सरवा के 50-60 परिवार परिवार गांव छोड़कर चले गए हैं। कुछ लोग इन परिवारों की तादाद 20 बता रहे हैं। कुछ परिवार वालों ने अपने बच्चों को रिश्तेदारों के यहां भेज दिया है।
इस मामले में पुलिस की विरोधाभासी बातें सामने आ रही हैं। आईजी, कानून व्यवस्था अमरेंद्र सेंगर ने कहा है कि युवती के धर्मांतरण के हलफनामे का परीक्षण कराया जा रहा है। परीक्षण के बाद ही कुछ कह पाना संभव होगा कि क्या सच है और क्या झूठ? उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल में दुष्कर्म का जिक्र नहीं है। सेंगर का यह भी दावा है कि युवती के शरीर का कोई अंग नहीं निकाला गया है। शपथ पत्र को पुलिस ने विवेचना के दौरान हांसिल किय और अब उसकी पड़ताल की जा रही है। गृह सचिव कमल सक्सेना ने भी आईजी के बयान की पुष्टि की है। दूसरी ओर मेरठ रेंज के डीआईजी के सत्यनारायण का कहना है कि युवती का धर्म परिवर्तन और सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। मेडिकल में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हो चुकी है। ऑपरेशन कर फेलोपियन टयूब को निकाला गया है। हालांकि इसे पुष्ट करने के लिए अभी विस्तृत मेडिकल भी कराया जा रहा है। प्रदेशके पुलिस मुखिया डीजीपी एएल बनर्जी ने कहा है कि मेडिकल टेस्ट में पाया गया है कि युवती की एक्टोपिक प्रेग्रेंसी के लिए सर्जरी की गई थी।
स्थानीय लोग कर रहे विरोधाभासी बातें
सरवा गांव के कुछ लोग युवती और उसके पिता के तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत में कुछ दावों पर सवाल उठाए हैं। बीए कर रही पीडि़त युवती का कहना है कि उसने मदरसे में पढ़ाना इसलिए छोड़ दिया था क्योंकि उसे अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना था। लेकिन गांव के कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि मई में युवती को मदरसे से निकाल दिया गया था। क्योंकि वह एक हफ्ते तक नहीं आई थी।
पीडि़त लड़की के पिता की शिकायत के मुताबिक मुख्य आरोपी सलाउल्लाह ने उनकी लड़की के उत्पीडऩ के बाद उसका अपहरण किया। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि सलाउल्लाह कभी मदरसे से नहीं जुड़ा रहा। जबकि गांव के कई लोग पीडि़त युवती और उसके पिता की बातों का समर्थन कर रहे हैं। प्रशासन ने तनाव के माहौल को नियंत्रण में करने के लिए एक कंपनी अतिरिक्त फोर्स की मांग की है। पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था अमरेंद्र कुमार सेंगर का कहना है कि मुख्यालय से फोर्स भेजी जाएगी। मेरठ से कई दिनों से हिंदू संगठनों के पदाधिकारी और नेता खरखौदा जा रहे हैं। हापुड़ और खरखौदा के सीमावर्ती गांवों में जबरदस्त तनाव है।
एसपी और बीजेपी में नोंकझोंक
इस मामले में एसपी और बीजेपी एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। बीजेपी का कहना है कि एसपी मुजफ्फरनगर और मुरादाबाद की तरह यहां भी मामले को निपटाना चाहती है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार की नीति सच छुपाने की रही है। हम मेरठ जाकर सच का पता लगाएंगे। वहीं एसपी के नेता और राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा, पुलिस सही दिशा में जांच कर रही है और जो दोषी पाया जाएगा, उसे सजा मिलेगी। बीजेपी सियासी फायदे के लिए मामले को सांप्रदायिक रूप दे रही है।