Wednesday, September 24

चीन ने फिर बचाया मसूद अजहर को

नईदिल्ली | जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का नाम वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल कराने के भारत के प्रयास पर एक बार फिर चीन ने अडंगा लगा दिया है। प्रतिबंधित समूह के सरगना पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने पेश किया था। पिछले 10 वर्षों में यूएन में यह चौथा मौका है, जब चीन ने पाकिस्तान के साथ दोस्ती निभाते हुए मसूद को बचा लिया है।
चीन ने कहा कि वह बिना सबूतों के कार्रवाई के खिलाफ है। यही बात उसने तीन दिन पहले कही थी। इस पर अमेरिका ने चीन से गुजारिश की थी कि वह समझदारी से काम लें, क्योंकि भारत-पाक में शांति के लिए मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करना जरूरी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा- चीन के रवैए से निराशा हुई। आतंकियों के खिलाफ हमारी कोशिशें जारी रहेंगी।

इसलिए बचा रहा हैं चीन पकिस्तान को


चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के बुनियादी ढांचे पर चीन ने काफी निवेश किया है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और जैश जैसे आतंकी संगठनों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मुहैया कराने के बदले में उसे अपने प्रोजेक्ट में आतंकवादी हमले नहीं होने की गारंटी मिलती है। चीन की कई कंपनियों ने 45 CPEC प्रोजेक्ट्स में करीब 40 अरब डॉलर का निवेश किया है। इनमें से करीब आधी परियोजनाएं पूरी होने वाली हैं। चीन इस प्रोजेक्ट के जरिये दुनियाभर के बाजारों में अपना कब्जा और दबदबा बनाना चाहता है। चीन पूर्वी शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम उइगर अल्पसंख्यकों के साथ खराब बर्ताव करता है। उनके दमन के लिए चीन ने कई तरह के शिविर बना रखें हैं। मगर, पाकिस्तान इस मसले पर कुछ नहीं कहता है और उल्टा चीन का ही साथ देता है।