Tuesday, September 23

ए.टू.जेड. कंपनी की मनमानी के पीछे आखिर किसका हाथ

121गंजबासौदा। फीडर सेप्रेशन के नाम पर चल रही करोड़ों रूपए की योजना से बासौदा को वो लाभ नहीं मिल पा रहा, जिसके पीछे योजना बनाई गई थी जिस तरह से कंपनी अपनी मनमानी से घटियां निर्माण का कार्य कर रही है उससे कई संदेहों को जन्म मिल रहा है। ए.टू.जेड कंपनी ने जब से बासौदा में कार्य शुरू किया है तब से आज तक निरतंर समाचार पत्र उसके कार्य की गुणवत्ता को लेकर समाचार प्रकाशित करते आ रहे हैं, पर उस पर किसी तरह की कोई कार्यवाही होती दिखाई नहीं दे रही है। इससे ऐसा लगता है कि निश्चित ही किसी बड़ी हस्ती का हाथ है तभी तो इतनी शिकायत मिलने के बाद भी कार्य की गुणवत्ता नहीं सुधारी जा रही है।
जब विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय में एटूजेड कंपनी के कार्य को लेकर संपर्क करा तो वह भी अपने आप को असाहय महशूस करते दिखाई देते हैं। आशचर्यजनक बात तो यह है कि जिस विद्युत वितरण कंपनी के लिए एटूजेड कंपनी कार्य कर रही है उसे ही नहीं पता के उसके यहां क्या कार्य हो रहा है या होना है। इससे कंपनी का प्रभाव दिखाई देता है सूत्रों की माने तो बात सिर्फ एटूजेड कंपनी द्वारा विद्युत वितरण कंपनी की बात न मानने तक सीमित नहीं है खबर तो यहां तक भी है कि एटूजेड कंपनी के अधिकारी खाली एमबी बुक पर सील और साईन कराकर ले जाते हैं। ऐसे में भले ही सरकार की मंशा शहर में विद्युत व्यवस्था को गुणवत्ता युक्त बनाने की हो पर जिस तरह से एटूजेड कंपनी काम कर रही है उससे सरकार का मकसद हल होता नजर नहीं आ रहा है। आप को बता दें यदि एटूजेड कंपनी द्वारा किये गए कार्यों और किये गए भुगतानों का किसी ईमानदारी अधिकारी से जांच करा दी जाए तो बहुत बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।
कंपनी द्वारा अभी तक जिस तरह विद्युत लाईनें बिछाई गई हैं उससे कहीं भी नहीं लगता की यह कोई अच्छी कंपनी द्वारा किया गया कार्य हो। जिस तरह से विद्युत लाईनें पहले झूलती नजर आ रही थीं उसी तरह आज भी झूल रही हैं। प्रश्न तो यहां यह उठता है जब भी कंपनी के बारे में जानकारी लेना चाहो तो वह यह कह कर इतिश्री कर लेते हैं कि ऊपरवालों को जानकारी है। आखिर वो ऊपर वाले कौन हैं जो इस तरह शहर में घटिया विद्युत कार्य करा रहे हैं।