नईदिल्ली। दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर मचे हो-हल्ले के बीच आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। जनता का मूड भांपने और अपना सापोर्ट बेस आंकने के लिए पार्टी ने एक सर्वे शुरू किया है। आप के एक नेता ने बताया कि सर्वे के नतीजों के आधार पर पार्टी अपनी चुनावी रणनीति तय करेगी। अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक पार्टी वॉलंटियर्स का मुख्य ध्यान इस बात पर रहेगा कि पिछले विधानसभा चुनाव में कितने लोगों ने आप को वोट दिया था और क्या इन लोगों ने लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को ही वोट दिया था।
केजरीवाल की रणनीति
आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने पिछले महीने स्वीकार किया था कि पार्टी को दूसरे राज्यों में विस्तार से पहले दिल्ली पर ही पूरी तरह ध्यान केंद्रित करना चाहिए। केजरीवाल की इस स्वीकारोक्ति से उनके कुछ सहयोगी और पार्टी के प्रमुख नेता हैरान हो गए थे। हालांकि इसके बाद यह तय किया कि पार्टी हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनाव में नहीं लड़ेगी।
दिल्ली आप की इकलौती उम्मीद
आम आदमी पार्टी के एक नेता ने बताया कि दिल्ली में शानदार प्रदर्शन के लिए पार्टी को पूरी ताकत लगानी होगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिए दिल्ली हमारी इकलौती उम्मीद है। नेता ने कहा विपक्ष में बैठकर व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं लाया जा सकता। इसके लिए आपको चुनाव जीतना होगा। यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल इस पक्ष में है कि पहले दिल्ली ही जीती जाए।
आप नेता मनीष सिसोदिया के मुताबिक बीजेपी का हनीमून पीरियड खत्म हो गया है। उन्होंने कहा, दिल्ली में सियासी हालात बहुत बुरे हैं। सरकार बढ़ती महंगाई को काबू में नहीं रख पा रही है और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कोर्ठ ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। ऐसे में लोग चाहते हैं कि आप की सरकार दोबारा बने और हमने भी लोगों से अपील की है कि इस बार हमें बहुमत के साथ जिताएं।
भारतीय जनता पार्टी का यह विचार सामने आ रहा है कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन जारी रहना चाहिए और दिसंबर जनवरी में नए चुनाव होने चाहिए। हालांकि इस मसले पर अभी अंतिम निर्णय होना बांकी है, लेकिन पार्टी के लिए बहुमत हांसिल करने की उम्मीदें काफी कम हैं। अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक बीजेपी आलाकमान का मानना है कि कांग्रेस विधायकों को तोड़ कर सरकार का गठन करना समस्याओं से भरा काम है। एक बीजेपी नेता के मुताबिक दूसरा बड़ा मुद्दा यह है कि 28 विधायकों के साथ आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी दल होगी। वे हर दिन कोई न कोई मुद्दा उठाएंगे और बीजेपी सरकार के काम में मुश्किलें पैदा करेंगे। नए चुनाव में हमें बहुमत हांसिल होगा और आप की ताकत घटेगी।
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से 14 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। पार्टी के एक नेता के मुताबिक दिल्ली में अगस्त में राष्ट्रपति शासन के 6 महीने पूरे हो जाने के बाद 6 महीने का एक्सटेंशन हो सकता है।