Sunday, September 28

101 साल की पाकिस्तानी महिला को मिली भारतीय नागरिकता

jamuna-mai_12_01_2019राजस्थान/जोधपुर | कहते हैं सब्र का फल मीठा होता हैं ऐसा ही कुछ हुआ है जोधपुर पास स्थित एक छोटे से गांव सोधा री धाणी की 100 साल की जमुना माई के साथ उन्हें आज 12 साल के बाद भारत की नागरिकता मिल गयी हैं दरअसल जमुना मई का जन्म 1918 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था। भारत बिभाजन के बाद इनका परिवार यहिअ रह गया परन्तु इनके आजीविका का साधन पकिस्तान में ही रह गया इनका परिवार के आजीविका का एकमात्र स्रोत पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के रहीम यार खान जिले में जमींदार की जमीन पर खेती करना था। दशकों तक, उनके परिवार को शोषण का सामना करना पड़ा जिस तरह से भूमिहीन मजदूर आमतौर पर गुजरते हैं भारत बिभाजन के बाद इन्हे कई परेशानियों का सामना करना पढ़ा 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद इनकी स्थिति और बदतर हो गई। अयोध्या में बाबकी मस्जिद के विध्वंस के बाद उनके परिवार का मुस्लिम जमींदारों और पड़ोसियों के साथ रातोंरात संबंध बदल गए और पाकिस्तान में हिंदू परिवार का रहना मुश्किल हो गया। इसके बाद साल 2000 में उन्होंने पाकिस्तान छोड़ने का फैसला किया और अगस्त 2006 में 15 सदस्यों का यह परिवार धार्मिक वीजा पर भारत आया था। जिसके बाद उन्ही यहाँ के अधिकारियो के सवालो का जबाब देने भी परपरेशानी होने लगी लेकिन उन्हें यकीन था की एक  न एक दिन उन्हें भारत की नागरिकता ज़रूर मिल जायगी और आखिरकार उन्हें 12 साल के बाद भारत की नागरिकता प्रदान की गयी