Saturday, October 4

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस काेर्ट ने 22 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी किया

1_1545370735मुंबई | षड्यंत्र और हत्या साबित करने के लिए गवाहों के बयान और सबूत संतोषजनक नहीं हैं। परिस्थिति जन्य साक्ष्य भी किसी को दोषी करार दिए जाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं ये बात सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में कही है सोहराबुद्दीन की नवंबर 2005 में मौत हुई थी। सीबीआई जांच में दावा किया गया था कि पुलिस ने सोहराबुद्दीन, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति का फर्जी एनकाउंटर किया है। सीबीआई ने इस एनकाउंटर को राजनीतिक और वित्तीय फायदों के लिए रची गई साजिश बताया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह केस गुजरात से मुंबई के स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था। इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे। इनमें गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री और मौजूदा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत 16 आरोपी पहले ही बरी किए जा चुके हैं।